ऑपरेशन ग्रीन हंटः माओवादियों (नक्सलियों) के खिलाफ चहुंमुखी आक्रमण
- भारत के अर्धसैनिक बलों और राज्य के बलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जाने वाला चहुंमुखी आक्रमण कार्यक्रम ऑपरेशन ग्रीन हंट 8 जनवरी 2016 को सुर्खियों में रहा.
- माना जाता है कि यह ऑपरेशन "रेड कॉरिडोर–" में आने वाले पांच राज्यों में नवंबर 2009 में शुरु किया गया था और ओडीशा के नुआपाड़ा, मल्कानगिरी और कालाहांडी जिलों में माओवादियों के दो –दिन के बंद की घोषणा के बाद सुर्खियों में आया.
- बंद का आह्वाहन सीपीआई (माओवादी) के मणिपुर– नुआपाड़ा डिवीजनल समिति द्वारा किया गया था. समिति राज्य के दक्षिण– पश्चिमी हिस्से में सुरक्षा बलों द्वारा उग्रवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन का विरोध कर रही थी.
- राज्य में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के खिलाफ सफल अभियान का वर्णन करने के लिए छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारियों ने इस ऑपरेशन को ऑपरेशन ग्रीन हंट नाम दिया था. बाद में इस शब्द का उपयोग मीडिया ने बड़े पैमाने पर नक्सल विरोधी ऑपरेशन का वर्णन करने के लिए किया था.
- दूसरी तरफ केंद्र सरकार अपने नक्सल विरोधी आक्रमण के लिए ऑपरेशन ग्रीन– हंट शब्द का इस्तेमाल नहीं करती.
- इससे पहले यह ऑपरेशन दिसंबर 2014 में उस समय सुर्खियों में आया था जब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने सुकमा हमले को ऑपरेशन ग्रीन हंट का जवाब कहा था. माओवादियों ने 1 दिसंबर 2014 को दक्षिण छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कम–से–कम 14 जवानों की हत्या कर दी थी.
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