आगरा में इंजीनियरिंग के छात्रों ने 23 दिसम्बर 2015 को मानव मूत्र का इस्तेमाल कर बिजली तैयार करने का शोध किया है. आविष्कार करने वाले छात्र कैमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं. छात्रों का ये अनूठा आविष्कार इलेक्ट्रोलिसिस विधि पर आधारित है.
क्या है शोध मॉडल-
- शोध माडल में तांबे और जस्ते की प्लेटों को एनोड और कैथोड के रूप में प्रयोग किया गया है. मूत्र में उपस्थित यूरिया एनोड और कैथोड के विभिन्न आयामों में विभक्त
- होकर विद्युत का संचार करता है.
- छात्रों ने प्रयोग के लिए कांच के पात्र को डिजाइन किया. जिसे दो अतिरिक्त भागों में विभक्त किया.
- एक भाग में तांबे की प्लेट और दूसरे भाग में जस्ते की प्लेट को समायोजित किया. दोनों प्लेटो को तार के माध्यम से तीन वॉट की एलईडी से जोड़ा.
- छात्रों ने दोनों भागों में एक बार स्वच्छ मानव मूत्र और अगली बार गौ मूत्र डालकर प्रयोग किया. दोनों ही बार पांच मिनट के बाद वोल्टोमीटर में रीडिंग आने लगी.
- सबसे ज्यादा सफल प्रयोग मानव मूत्र से हुआ जिससे एक लीटर मानव मूत्र से लगभग 6 घंटे से ज्यादा 3 वाट का बल्ब जला.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation