मिस्र में सत्तारूढ़ नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी ने संसद के निम्न सदन मजलिस अल साब के लिए हुए चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल किया. रन ऑफ का मतदान 5 दिसंबर 2010 को हुआ. मतगणना के बाद आए चुनाव परिणाम में राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक की नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) को कुल 518 सीटों में से 420 सीटें मिली. सत्तारूढ़ पार्टी ने कुल 508 सीटों पर चुनाव लड़ा था. एनडीपी को कुल 41% वोट मिले. विपक्षी दलों को 14 सीटें और निर्दलीयों को 70 सीटें मिली. कुल 5039 उम्मीदवार चुनाव लड़े थे.
ज्ञात है कि वर्ष 2005 में हुए संसदीय चुनावों में एनडीपी ने 454 सीटों में से 311 सीटों पर सफलता हासिल की थी. इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाले 166 निर्दलीय उम्मीदवार बाद में एनडीपी में शामिल हो गए थे. वर्ष 2005 के चुनाव में 88 सीट जीतने वाली मिस्र की मुख्य विपक्षी पार्टी मुस्लिम ब्रदरहुड वर्ष 2010 के चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई. मुस्लिम ब्रदरहुड और वफ़्द पार्टी ने मतदान में व्यापक धांधली के आरोप लगाते हुए वर्ष 2010 दूसरे दौर के मतदान में हिस्सा नहीं लिया. दूसरे दौर का मतदान उन सीटों पर हुआ जहां सबसे आगे रहे दो उम्मीदवारों को 50 प्रतिशत से कम मत मिले. विपक्षी दलों, कई मानवाधिकार संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी मतदान में भारी अनियमितता का आरोप लगाया.
विदित हो कि मिस्र की संसद में कुल 518 सदस्यों में से 508 सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा किया जाता है तथा शेष 10 सांसदो को राष्ट्रपति नियुक्त करता है. मिस्र में कुल 254 संसदीय सीट हैं जिनमें हर सीट का दो सांसद प्रतिनिधित्व करते हैं. इनमें से एक समूह किसानों-कामगारों का होता है और दूसरा समूह पेशावार लोगों का. कुल सीटों में से 32 सीटें महिलाओं के लिए हैं. मिस्र के संविधान के अनुसार पहले समूह की संख्या कुल सांसदों की संख्या की आधी होगी. इस चुनाव में जीतने के लिए एक उम्मीदवार को 50 प्रतिशत वोट मिलना अनिवार्य होता है. मुस्लिम ब्रदरहुड एक इस्लामिक संगठन है. इस पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगा हुआ है, इसलिए इस पार्टी के समर्थक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते है.
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