बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई में 8 जून 2015 को घोड़ा संचालित गाड़ी पर प्रतिबंध लगा दिया.
यह फैसला एनिमल्स एवं बर्ड चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा दायर की गयी याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ए के मेनन और ओ एस ओका की खंडपीठ ने सुनाया.
खंडपीठ ने कहा कि मौज मस्ती एवं सैर हेतु घोड़ा गाड़ी का उपयोग गैरकानूनी है और ग्रेटर मुंबई नगर निगम को एक वर्ष के अन्दर इस पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने का निर्देश दिया.
मुंबई के मरीन ड्राइव और अन्य समुद्री तटों पर सजाये गए घोड़ागाड़ी का इस्तेमाल सैर के लिए किया जाता है.
खंडपीठ ने घोड़ागाड़ी के व्यवसाय से जुड़े लोगों की आजीविका तथा उनके पुनर्वास की व्यवस्था हेतु दिसंबर 2015 तक योजनाओं के निर्माण तथा उसके कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार को आदेश दिए.
एक साल की अवधि की समाप्ति के बाद एमसीजीएम घोड़े और टट्टू के लिए बने सभी अस्तबल को बंदकर जानवरों के प्रति हो रहे क्रूरता की रोकथाम हेतु जानवर और पशु अधिनियम, 1960 के तहत कार्रवाई करेगा.
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