भारत के मेजर जनरल जय शंकर मेनन को संयुक्त राष्ट्र के मुक्ति पर्यवेक्षक सेना के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है. उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून द्वारा 2 फरवरी 2016 को नियुक्त किया गया.
उन्हें नेपाल के लेफ्टिनेंट जनरल पूरन चन्द्र थापा के स्थान पर नियुक्त किया गया है जिनका कार्यकाल 7 फरवरी 2016 को समाप्त हो रहा है.
मेनन राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अपने अनुभव को साझा करेंगे.
इससे पहले 2012 एवं 2013 में वे इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल कमांडिंग ऑफिसर रह चुके थे. वे रेजिमेंटल प्रशिक्षण केन्द्र के कमांडेंट ब्रिगेड कमांडर और बटालियन कमांडर भी रह चुके हैं.
उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी विभिन्न पदों पर कार्य किया है, वे 1993 में संयुक्त राष्ट्र में मोज़ाम्बिंक ऑपरेशन के पर्यवेक्षक थे तथा 2007 से 2009 तक वे लेबनान में भारतीय फ़ौज के अंतरिम कमांडर थे.
संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक सेना
इसकी स्थापना 31 मई 1974 को सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 350 (1974) के तहत की गयी. इस सेना द्वारा गोलन में हस्तक्षेप के बाद इज़राइल और सीरिया की सेनाओं ने वापिस आने का निर्णय लिया. तब से यह सेना सीरिया एवं इज़राइल के बीच सीज़फायर के लिए काम कर रही है.
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