सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को सत्र 2011-12 में मेडिकल की एकल योग्यता एवं प्रवेश परीक्षा (संयुक्त प्रवेश परीक्षा सीईटी) कराने की मंजूरी प्रदान की. यह मंजूरी सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन व न्यायमूर्ति एके पटनायक की पीठ ने 7 मार्च 2011 को दिया. मेडिकल के स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा का नियम देश के निजी मेडिकल कालेजों पर भी लागू है.
ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार ने एमबीबीएस और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आयोजन के लिए दिसम्बर 2010 में अधिसूचना जारी की थी. एमसीआई ने अक्टूबर 2010 में सरकारी, निजी एवं अल्पसंख्यक मेडिकल कालेजों सहित सभी कालेजों के स्नातक एवं स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एकल योग्यता एवं प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अनुमति सर्वोच्च न्यायालय से मांगी थी. सर्वोच्च न्यायालय ने 18 दिसम्बर2010 को एक अंतरिम आदेश जारी कर एमसीआई को एकल योग्यता एवं प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दे दी थी लेकिन उसने राज्य सरकारों और निजी मेडिकल कालेजों तथा अल्पसंख्यकों द्वारा संचालित कालेजों का पक्ष भी सुनने का फैसला किया था.
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