राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआइसी) की 16वीं बैठक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में नई दिल्ली में 23 सितम्बर 2013 को सम्पन्न हुई. राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआइसी) का गठन राष्ट्रीय एकता सम्मेलन के उपरांत वर्ष 1961 में किया गया था.
राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआइसी) की 16वीं बैठक में पारित प्रस्ताव
• बैठक के दौरान सामप्रदायिक सौहार्द को भंग करने हेतु हर प्रकार की हिंसा की निंदा की गई और इस तरह की हिंसा करने वालों के साथ कानून के तहत तुरंत और सख्ती के साथ निपटा जाने का निर्णय लिया गया.
• सभी समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों को कायम रखने और मजबूत बनाने तथा सभी नागरिकों को आजादी के साथ जीवन बिताने के योग्य बनाने के लिए सभी उपाय किए जाने का भी निर्णय लिया गया.
• यह भी प्रस्तावित किया गया कि सरकार और हितधारक कानून के दायरे के अंदर लोगों के बीच मौजूद विवादों और असहमतियों को दूर करने के लिए सभी उपाय किए जाने हैं.
• साथ ही अपने धर्मनिरपेक्ष और बहुलतावादी सामाज को मजबूत बनाने हेतु संस्थानों का गठन किया जाना है.
• यह भी प्रस्तावित किया गया कि अनुसूचित जनजातियों एवं जनजातियों पर लगातार होने वाले अत्याचारों के संबंध में विभिन्न कानूनों और विशेष अधिनियमों के तहत अत्याचार करने वालों के खिलाफ ऐसे अपराधों के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी है.
• यह भी प्रस्तावित किया गया कि उपरोक्त वर्गों का समावेश सामाज के अन्य वर्गों के साथ समान स्तरों पर किए जाने का अथक प्रयास किया जाता रहेगा.
• यह भी प्रस्तावित किया गया कि मैला ढोने की अमानवीय और असम्मानजनक श्रम के अन्य तरीकों को समाप्त किया जाना है.
• इसके साथ ही इन कार्यों में लगे हुए लोगों को वैकल्पिक रोजगार प्रदान किया जाना है ताकि वे सम्मान के साथ जीवन जी सकें.
• बैठक के दौरान महिलाओं के प्रति हिंसा और यौन उत्पीड़न की निंदा की गई और यह भी प्रस्तावित किया गया कि ऐसे अपराधियों के विरूद्ध कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा कड़ी कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित किया जाना है. इसके अलावा, आपराधिक न्याय प्रणाली के तहत ऐसे मामलों की जल्द सुनवाई की जानी है.
• यह भी प्रस्तावित किया गया कि महिलाओं को अपने सामाजिक और आर्थिक विकास के सम्मान अवसर मिले और वे आजादी का लाभ उठा सकें.
राष्ट्रीय एकता परिषद
राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआइसी) का गठन वर्ष 1961 में किया गया था. इसका उद्देश्य साम्प्रदायिकता, जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद और संकीर्णता की बुराइयों से निपटना है. एनआइसी की पहली बैठक वर्ष 1962 में हुई थी. एनआइसी ने वर्ष 1968 में हुई बैठक में विविधता में एकता, धर्मों की आजादी, धर्मनिरपेक्षता, बराबरी, सामाजिक-आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय और सभी समुदायों में भाइचारे को अपने उद्देश्य घोषित किए थे.
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