इंग्लैण्ड के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया कि विटामिन डी का कम सेवन करने वाले बच्चों में किशोरावस्था में अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के होने की संभावना अधिक होती है. शोध में यह भी पाया गया कि पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी का सेवन करने वाले बच्चों में अवसाद का खतरा दस फीसद तक कम होता है.
ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 2700 बच्चों में नौ से 13 साल की उम्र के दौरान विटामिन डी का स्तर जांचा. जिनमें बचपन में विटामिन डी का स्तर कम था उनमें किशोरावस्था में अवसाद के लक्षण पनपने की आशंका सर्वाधिक रही. इंगलैंड के जर्नल ऑफ चाईल्ड साईकोलोजी एंड साईकियाट्री (Journal of Child Psychology and Psychiatry) में यह शोध जनवरी 2012 के चौथे सप्ताह में प्रकाशित किया गया. ज्ञातव्य हो कि विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूरज की रोशनी है और यह टूना मछली में भी पाया जाता है.
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