रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक आज्ञा-पत्र पर हस्ताक्षर कर यूक्रेन संकट के मुद्दे पर रूस पर प्रतिबंध लगाने वाले सभी देशों से कृषि उत्पादों के आयात पर 6 अगस्त 2014 को प्रतिबंध लगाया. रूस पर प्रतिबंध प्रमुख रूप से अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए.
पुतिन ने रूस की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पश्चिमी खाद्य निर्यात को अपना लक्ष्य बनाया. परिणामतः इससे अरबों डॉलर के व्यापार पर खतरा पैदा हो गया.
खाद्य उत्पादों पर लगा यह प्रतिबंध एक वर्ष तक (2015) जारी रहना है. यह प्रतिबन्ध तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. इस आज्ञा-पत्र में सरकार को प्रतिबंधित उत्पादों की विस्तृत सूची बनाने के लिए भी निर्देश दिया गया है.
खाद्य उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने से पश्चिमी देशों के आयात पर बहुत ज्यादा निर्भर रूस पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा.
विदित हो कि इससे पहले स्वच्छता मानदंड़ों के उल्लंघन की वजह से रूस ने पोलैंड से कई प्रकार के फलों और सब्जियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. पागल गाय रोग (मैड काउ डिजीज) के फैलने की चिंता का हवाला देते हुए रूस ने रोमानिया से गाय के मांस और मवेशियों के आयात पर भी प्रतिबंध लगा चुका है.
पृष्ठभूमि
यूरोपीय संघ (ईयू) जैसे पश्चिमी देशों और अमेरिका ने यूक्रेन के विद्रोहियों का समर्थन करने के आरोप में रूस पर कई प्रकार का प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने व्यक्तिगत और कंपनियों के लिए संपत्ति कुर्की और ऋण पर प्रतिबंध लगाया है.
रूस पर मार्च 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप को हड़पने और पूर्वी यूक्रेन में तनाव पैदा करने, क्रीमिया (जहां अधिकतम रूसी मूल के लोग हैं) के रूसी उग्रवाद समर्थकों को हथियार और विशेषज्ञता मुहैया कराने का आरोप लगाया गया.


Comments
All Comments (0)
Join the conversation