संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूडीओ) ने ओडिशा की चिल्का झील को उसकी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए दर्शनीय पर्यटन स्थल घोषित किया. यह जानकारी चिल्का झील विकास प्राधिकरण (सीडीए) के मुख्य कार्यकारी अजीत कुमार पटनायक ने 14 नवंबर 2014 को दी.
चिल्का झील
चिल्का झील भारत में ओडिशा के पूर्वी तट पर स्थित है. यह पूर्वी तट के साथ फैली नदीमुख स्वरूप की खारे पानी की एशिया की सबसे बड़ी झील है.
यह भारतीय उपमहाद्वीप में कहीं भी पाया जाने वाला प्रवासी जलपक्षियों का सबसे बड़ा शीतकालीन आवास-स्थल है. यह देश के जैवविविधता के हॉटस्पॉट्स में से एक है. जोखिमग्रस्त प्राणियों की आईयूसीएन लाल सूची में शामिल कुछ दुर्लभ, असुरक्षित और संकटग्रस्त प्रजातियाँ अपने जीवन-चक्र के कम से कम एक हिस्से में इस लैगून में रहती हैं.
चिल्का झील विकास प्राधिकरण (सीडीए) के अनुसार, यहां इरावदी प्रजाति की डॉल्फिन सबसे अधिक संख्या में पाई जाती हैं. साथ ही 30 से अधिक प्रवासी पक्षी, मछलियों की 217 और पक्षियों की 211 प्रजातियों के लिए यह एक बड़ा जल स्रोत है. सर्दियों के मौसम में यहां बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है. झील में अनेक छोटे-छोटे द्वीप हैं, जो बेहद ख़ूबसूरत प्रतीत होते हैं. यह 70 किमी लंबी तथा 30 किमी चौड़ी है.
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ)
यूएनडब्ल्यूटीओ संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसी है, जो वहनीय और सार्वभौमिक रूप से अभिगम्य पर्यटन के संवर्धन के लिए उत्तरदायी है. इसकी स्थापना 27 सितंबर 1970 को की गई थी और वर्ष 1979 से इसके स्थापना-दिवस को विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है.
वर्ष 1975 में पहले डब्ल्यूटीओ महासचिव की नियुक्ति की गई थी और महासभा ने स्पेन की राजधानी मैड्रिड में डब्ल्यूटीओ मुख्यालय की स्थापना की थी.
यूएनडब्ल्यूटीओ के 156 देश सदस्य, 6 सहयोगी सदस्य और 400 संबद्ध सदस्य हैं, जो निजी क्षेत्र, शैक्षिक संस्थानों, पर्यटन-संघों और स्थानीय पर्यटन-प्राधिकरणों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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