संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 17 दिसम्बर 2015 को प्रथम आतंकवाद विरोधी वित्त मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित कर आईएस जैसे आतंकी संगठनों के पूंजी स्रोतों को रोकने का फैसला किया.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों ने बैठक के दौरान आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के बाहरी आय के स्रोतों को बंद करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की.
अमेरिका और रूस द्वारा पेश किये गये इस प्रस्ताव में सभी देशों से आईएस को होने वाली आमदनी को रोकने के अपने प्रयासों में और तेजी लाने का आग्रह किया गया.
उनसे ऐसे हर संभव प्रयास करने को कहा गया है जिससे सबसे ताकतवर और अमीर हो चुके आतंकवादी संगठन आईएस को वित्तीय मदद न मिल सके.
प्रस्ताव में आईएस की मुख्य आमदनी के स्रोतों तेल और पुरानी कलाकृतियों की ब्रिकी से होने वाली आय को रोकना प्रमुख रूप से शामिल है.
यह प्रस्ताव 1999 के उस प्रस्ताव पर आधारित है जो सबसे पहले अलकायदा को लक्ष्य करके पारित किया गया था.
प्रस्ताव की मंजूरी के बाद उचित क्रियान्वयन पर भी जोर दिया गया.
इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद जो राज्य आईएस की मदद करेगा उस पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध लागू होंगे.
विदित हो कि सुरक्षा परिषद ने ऐसा ही प्रस्ताव फरवरी में भी पारित किया था लेकिन बाद में इसके उल्लंघन की शिकायतें मिली थीं.
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