विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 19 अक्टूबर 2015 को वर्ष 2015 की 'सड़क सुरक्षा पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट 2015' शीर्षक से रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट के अनुसार हर वर्ष सड़क दुर्घटना में लगभग 12.5 लाख लोगों की मृत्यु होती है.
रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन वर्षों में 79 देशों में दुर्घटनाओं में हुई मौतों की संख्याओं में कमी आई है, जबकि 68 देशों में इस संख्या में वृद्धि हुई है. इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वैश्विक स्तर पर यातायातों की संख्या बढ़ने के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है.
इस क्षेत्र में जिन देशों ने अच्छा प्रदर्शन किया है उसके पीछे मुख्य कारण कानून प्रवर्तन में सुधार और सड़कों एवं वाहनों को सुरक्षित बनाने के क्रम में देश का प्रयास.
उच्च आय और निम्न व मध्यम आय वाले देशों में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों की संख्या एक बड़ा अंतर व्याप्त है. निम्न व मध्यम आय वाले देश जहां विश्व के मात्र 54 प्रतिशत वाहन मौजूद हैं 90 प्रतिशत सड़क दुर्घटना से ग्रस्त हैं.
सड़क दुर्घटना के मामले में अमीर देशों में यूरोप में प्रति व्यक्ति मृत्यु दर सबसे कम है, जबकि अफ्रीका में यह सर्वाधिक है.
रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष 137572 लोगों को मृत्यु सड़क दुर्घटना के कारण होती है इसके अतिरिक्त यहाँ प्रत्येक 100000 जनसंख्या पर अनुमानित सड़क यातायात मृत्यु दर 16.6 है और सड़क कानून प्रवर्तन करने के क्रम में 0 से 10 वाले सूचकांक में भारत को 3 स्कोर मिला है.
पिछले तीन वर्षों में 17 देशों ने सीट-बेल्ट अनिवार्य, नशा करके ड्राइविंग पर रोक, ड्राइविंग के दौरान हेलमेट अनिवार्य जैसे नियमों का कड़ाई से पालन किया है.
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
• 105 देशों बेहतर सीट-बेल्ट कानून है.
• विश्व के 47 देशों ने 50 किमी/घंटा को राष्ट्रीय शहरी क्षेत्र में अधिकतम गति सीमा के रूप में निर्धारित किया है व स्थानीय प्राधिकरणों को गति सीमा को क्षेत्र के अनुसार और कम करने की अनुमति दी है.
• 34 देशों में बल्ड अल्कोहल कनसनट्रेशन को 0.05 ग्राम प्रति डेसीलीटर निर्धारित किया गया है जबकि नए चालकों के लिए इसकी सीमा 0.02 ग्राम प्रति डेसीलीटर निर्धारित की गई है.
• विश्व के 44 देश हेलमेट कानून को उचित रूप में प्रवर्तित कर रहे हैं, जिसमे हेलमेट की गुणवत्ता के भी मानक तय किए गए हैं.
• इसके अतिरिक्त विश्व के 53 देशों में उम्र, ऊंचाई या वजन के आधार पर बच्चों पर वाहन चलाने पर प्रतिबन्ध है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा मृत्यु मोटरसाइकलों के कारण होती है. पैदल चलने वालों और साइकिल चालको की मृत्यु की संख्या में क्रमशः 22 से 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया की विश्व में बेचे जाने वाले 80 प्रतिशत यातायात सुरक्षा मानकों का अनुसरण नहीं करते हैं. विशेष रूप से वर्ष 2014 में निम्न और माध्यम आय वाले देशों में उत्पादित 67 मिलियन यात्री कारें.
रिपोर्ट में कुल 180 देशों से डेटा एकत्र किया गया है.
यह इस रिपोर्ट की तीसरी श्रृंखला है. विदित हो सड़क सुरक्षा पर द्वितीय वैश्विक उच्च स्तरीय सम्मेलन 18 से 19 नवम्बर के मध्य ब्रासीलिया, ब्राजील में आयोजित किया जाएगा.
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