सर्वे आफ इंडिया द्वारा हैदराबाद का एक संशोधित भौगोलिक नक्शा 16 दिसंबर 2014 को जारी किया गया. वर्ष 2002 में जारी पिछले संशोधित नक्शे की तुलना में इस नक्शे में शहर की सभी दिशाओं में हुए विस्तार को दर्शाया गया.
केंद्र ने विस्तारित शहर के नक्शे को दर्शाने के लिए इसमें कार्टासेट से सैटेलाइट इमेजरी का इस्तेमाल किया, जो स्वदेशी उपग्रह अवलोकन की एक श्रृंखला है. उन्होंने नक्शे को अंतिम रूप देने से पहले भौतिक सत्यापन भी किया.
सर्वे आफ इंडिया द्वारा भारत का भी एक नक्शा तैयार किया गया है, जिसमें 2 जून 2014 को हुए विभाजन के बाद तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को पृथक प्रदेशों के रूप में दर्शाया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के सत्यापन के बाद यह नक्शा जारी किया जाना है.
हैदराबाद के संशोधित भौगोलिक नक्शे के मुख्य बिंदु
हैदराबाद के नए नक्शे में 625 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) की सीमा के अंतर्गत दिखाया गया, इस प्रकार यह क्षेत्र शहर का हिस्सा बन गया.
आठ प्रकार के मानचित्रों को दर्शाया गया है, जिनमें से एक तेलुगू में भी है.
हैदराबाद के आठ प्रकार के नक्शों का यह सेट आम लोगों के लिए 495 रुपये में उपलब्ध है.
सर्वे आफ इंडिया
सर्वे आफ इंडिया भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय सर्वे और मानचित्र का संगठन है. यह भारत सरकार का सबसे पुराना वैज्ञानिक विभाग है.
इसकी स्थापना 1767 में हुई, सर्वे आफ इंडिया देश के डोमेन के विस्तार सुनिश्चित करने और मानचित्र की उपयुक्तता जांचने की खास जिम्मेदारी संभालता है.
संगठन भारत सरकार के लिए सभी प्रकार के सर्वे के मामलों में जैसे भूगणित, फोटोग्रामेट्रिक, मानचित्रीकरण और नक्शों का पुर्नउत्पादन में सलाहकार की तरह काम करता है.
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