India Current Affairs 2012. सर्वोच्च न्यायालय ने सरकारी नौकरियों में उम्मीदवारों के चयन के लिए निर्धारित किए गए साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों के नाम सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रकट न किए जाने का निर्देश दिया. यह निर्देश सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की खण्डपीठ ने 30 दिसंबर 2012 को दिया. इस निर्णय के साथ ही पटना उच्च न्यायालय का वह आदेश रद्द हो गया जिसमें बिहार लोक सेवा आयोग से उस साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों के नाम और पते प्रकट करने को कहा गया था, जिसने राज्य के अपराध अन्वेषण विभाग में पुलिस प्रयोगशाला के अन्तर्गत नौकरी के लिए उम्मीदवारों के नामों की अनुशंसा की थी.
सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों के नाम और पते प्रकट करने से उनके जीवन या भौतिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है. न्यायालय के अनुसार सूचना का अधिकार मूल और बुनियादी अधिकार है लेकिन यह अनियंत्रित नहीं है और इस पारदर्शी कानून के तहत किसी भी सार्वजनिक प्राधिकार को किसी सूचना का खुलासा करने का निर्देश देते समय उसका गोपनीयता के अधिकार के साथ संतुलन होना चाहिए.
सर्वोच्च न्यायालय ने सरकारी नौकरियों में उम्मीदवारों के चयन के लिए निर्धारित किए गए साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों के नाम सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रकट न किए जाने का निर्देश दिया. यह निर्देश सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की खण्डपीठ ने 13 दिसंबर 2012 को दिया. इस निर्णय के साथ ही पटना उच्च न्यायालय का वह आदेश रद्द हो गया जिसमें बिहार लोक सेवा आयोग से उस साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों के नाम और पते प्रकट करने को कहा गया था, जिसने राज्य के अपराध अन्वेषण विभाग में पुलिस प्रयोगशाला के अन्तर्गत नौकरी के लिए उम्मीदवारों के नामों की अनुशंसा की थी.
सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों के नाम और पते प्रकट करने से उनके जीवन या भौतिक सुरक्षा को खतरा हो सकता है. न्यायालय के अनुसार सूचना का अधिकार मूल और बुनियादी अधिकार है लेकिन यह अनियंत्रित नहीं है और इस पारदर्शी कानून के तहत किसी भी सार्वजनिक प्राधिकार को किसी सूचना का खुलासा करने का निर्देश देते समय उसका गोपनीयता के अधिकार के साथ संतुलन होना चाहिए.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation