सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में डांस बार पर रोक हटाने का 15 अक्टूबर 2015 को आदेश दिया. इसके तहत सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र पुलिस कानून में वर्ष 2014 में किये गये संशोधन के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी. इस संशोधन के तहत बार और कुछ अन्य स्थलों पर डांस कार्यक्रमों के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. न्यायालय के आदेश के बाद अब राज्य में डांस बार फिर से खुलने का रास्ता साफ हो गया है.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रफुल्ल चंद्र पंत की पीठ ने इस मामले में न्यायिक व्यवस्था की पृष्ठभूमि और इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस कानून में किये गये संशोधन का जिक्र करते हुये कहा, ‘हम महाराष्ट्र पुलिस (द्वितीय संशोधन) कानून की धारा 33 (ए) (1) के प्रावधानों पर रोक लगाना उचित समझते हैं.’ इसके साथ ही न्यायालय ने अपने अंतिम आदेश में एक शर्त भी लगा दी और राज्य में लाइसेंसिंग प्राधिकारियों को बार तथा दूसरे स्थलों पर अश्लील डांस प्रदर्शनों को नियंत्रित करने की अनुमति प्रदान कर दी.
विदित हो कि महाराष्ट्र सरकार ने बंबई पुलिस कानून में 2005 में संशोधन करते हुए डांस बार पर रोक लगा दिया था जिसे रेस्तरां और बार का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ने न्यायालय में चुनौती दी थी.
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