भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और सहारा समूह के बीच समझौता हो गया. 16 फरवरी 2012 को हुए समझौते के तहत सहारा टीम इंडिया का आधिकारिक प्रायोजक बना रहेगा. इस समझौते के साथ ही सहारा समूह की टीम पुणे वॉरियर्स इंडियन प्रीमियर लीग के पांचवें चरण में खेल भी सकेगी.
सहारा समूह और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने समझौते के तहत संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें अनुबंध की विस्तृत जानकारी दी गई. इसमें पुणे वॉरियर्स की नीलामी के पुन: सक्रिय होने और इंडियन प्रीमियर लीग ट्रेडिंग विंडो के विस्तार के अलावा भी अन्य चीजों का उल्लेख किया गया. इंडियन प्रीमियर लीग ट्रेडिंग विंडो की 17 फरवरी 2012 को समाप्त होने वाली प्रक्रिया को बढ़ाकर 29 फरवरी, 2012 तक कर दिया गया. ऐसा इसलिए किया गया ताकि पुणे वॉरियर्स को इंडियन प्रीमियर लीग के अन्य फ्रेंचाइजी टीमों से बातचीत का मौका मिले. साथ ही पुणे वॉरियर्स की नीलामी प्रक्रिया दोबारा जारी कर दी गई, ताकि वह टीम संयोजन नियम के मुताबिक खिलाड़ियों को टीम में शामिल कर सके.
ज्ञातव्य हो कि सहारा समूह ने चार फरवरी 2012 को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से संबंध तोड़ते हुए टीम इंडिया के प्रायोजन से हटने का फैसला किया था.
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