अपैलैचियन स्टेट यूनिवर्सिटी (Appalachian State University), अमेरिका के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि 4000 वर्ष पूर्व सिंधु घाटी की सभ्यता (हड़प्पा) का पतन हिंसा, संक्रामक रोग और जलवायु में परिवर्तन के कारण हुई.
पाकिस्तान में स्थित हड़प्पा में पाए गए मानव-कंकाल के अवशेषों पर केंद्रित अध्ययन से पता चला है कि वे लोग इतने शांतिपूर्ण और समतावादी नहीं थे, जितने कि अकसर बताए जाते रहे हैं.
अध्ययन के निष्कर्ष दर्शाते हैं कि जलवायु और आर्थिक व सामाजिक परिवर्तनों ने उसके शहरीकरण और विनाश में भूमिका निभाई. परन्तु इस अध्ययन में यह पता नहीं लगाया जा सका कि इन परिवर्तनों ने मानव-जनसंख्या को किस तरह प्रभावित किया.
अध्ययन से पता चलता है कि हड़प्पा के समुदायों, विशेषकर हाशिये पर डाल दिए गए समुदायों पर, जलवायु और सामाजिक-आर्थिक दबावों का अन्य समुदायों से ज्यादा प्रभाव पड़ा.
शहर के दक्षिणपूर्व में पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों के अवशेषों से युक्त एक छोटे गड्ढे से 50 प्रतिशत की दर से हिंसा और 20 प्रतिशत कोढ़ के चिह्नों के साक्ष्य प्राप्त हुए.
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