स्टेम कोशिकाओं की मदद से स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने कृत्रिम गुर्दे (Artificial kidneys) को विकसित किया. अप्रैल 2011 के दूसरे सप्ताह में आए शोध पत्र के अनुसार कृत्रिम गुर्दे की लंबाई आधा सेंटीमीटर के बराबर है. भ्रूण में गुर्दे की लंबाई की भी आधा सेंटीमीटर ही होती है.
कृत्रिम गुर्दे (Artificial kidneys) को बनाने के लिए अमीनियोटिक द्रव्य (amniotic fluid) की कोशिकाओं का प्रयोग किया गया. ज्ञातव्य हो कि अमीनियोटिक द्रव्य गर्भ में बच्चे के चारों ओर फैला रहता है. शोधकर्ताओं के अनुसार बच्चे के जन्म के समय चिकित्सक इस द्रव्य को एकत्रित कर सकते हैं और तब तक संचित रख सकते हैं जब तक गुर्दे की बीमारी वाले मरीज को इसकी जरूरत नहीं पड़ती. कृत्रिम गुर्दे (Artificial kidneys) के निर्माण के लिए व्यक्ति की खुद की अमीनियोटिक द्रव्य कोशिकाएं इस्तेमाल की जा सकती हैं.
कृत्रिम गुर्दे बनाने वाले शोधकर्ताओं के प्रमुख प्रोफेसर जैमी डेवीस के अनुसार प्रयोगशाला में बनाया गया कृत्रिम गुर्दा (Artificial kidney) सामान्य भ्रूणीय गुर्दे जैसा ही है, परंतु अभी उसे और परिपक्व बनाने की प्रक्रिया चल रही है.
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