वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टेण्डर्ड एण्ड पूअर्स (Standard & Poor) ने परिसंपत्तियों की गुणवत्ता कमजोर पड़ने की आशंका में सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) की ऋण साख 10 अक्टूबर 2012 को घटा दी.
स्टेण्डर्ड एण्ड पूअर्स के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक की परिसंपत्तियों के कमजोर गुणवत्ता प्रदर्शन की आशंका के चलते उसकी ऋण साख का पुनर्निधारण कर उसे बीबीबी से बदलकर बीबीबी-माइनस और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की रेटिंग बीबीबी-माइनस से बदलकर बीबी-प्लस कर दिया गया.
भारतीय स्टेट बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ऋण साख में इसलिए परिवर्तन किया गया, क्योंकि बैंक ने जिन क्षेत्रों को कर्ज दिया है, उनसे वसूली में समस्यायें खड़ी हो सकती है, इससे उनकी परिसंपत्ति की गुणवत्ता कमजोर रहेगी और ऋण लागत ऊंची बनी रहेगी. स्टेण्डर्ड एण्ड पूअर्स के अनुसार स्टेट बैंक और यूबीआई की कर्ज परिसंपत्तियों की स्थिति वित्त वर्ष 2012-13 और 2013-14 में लगातार दबाव में बनी रहेगी.
विदित हो कि बीबीबी-माइनस रेटिंग को निवेश के लिहाज से सबसे निम्नतम रेटिंग और बीबी-प्लस को सबसे अस्थिर ग्रेड माना जाता है.
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