Budget 2023: बजट का सार, रुपया कहां से आता है और कहां जाएगा

Budget 2023: इस लेख के माध्यम से हम आपको वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट का सार बताने जा रहे हैं, जिसमें आप जानेंगे कि रुपया कहां से आता है और कहां जाएगा। जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें।
Budget 2023: बजट का सार, रुपया कहा से आता है और कहां जाएगा
Budget 2023: बजट का सार, रुपया कहा से आता है और कहां जाएगा

Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश कर दिया है। बजट समझने को लेकर कई बार लोग दुविधा में पड़ जाते हैं। वहीं, काफी बड़ा बजट होने के कारण लोग इसे पूरा भी नहीं पढ़ पाते हैं। इस लेख के माध्यम से हम बजट के सार में जानेंगे। साथ ही यह भी जानेंगे कि आखिर रुपया कहां से आता है और कहां जाता है। 

 

क्या होता है बजट का सार 

 

बजट के सार में बजट की बातों को इस तरह से बताया गया होता है, जिससे बजट आसानी से समझ आ सके। सार में भारत सरकार की प्राप्तियां और व्यय राजकोषीय घाटा(FD), राजस्व घाटा(RD), प्रभावी राजस्व घाटा(ERD) और प्राथमिक घाटा(PD) के बारे में जानकारी होती है। सार में इंफोग्राफिक्स माध्यम से आय और उनके स्त्रोत व व्यय का ब्यौरा दिया जाता है, जिससे यह आसानी से समझ आ जाए। इसमें कार्यक्रमों और योजनाओं के लिए किए गए आवंटन का सारांश भी होता है। साथ ही इसमें राज्यों और विधानमंडलों वाले संघ राज्य क्षेत्रों को दिए गए संसाधनों का ब्यौरा भी होता है। 

 

क्या होता है राजकोषीय और राजस्व घाटा

आपने ऊपर राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा व आर्थिक क्षेत्र से जुड़े अन्य शब्दों के बारे में पढ़ा होगा। अब इनके मतलब को भी समझ लेते हैं। दरअसल, राजकोषीय घाटा ऋण भिन्न प्राप्तियों के जोड़ और कुल व्यय के बीच अंतर को दर्शाता है। इससे सरकार की कुल उधारी की आवश्यकता पता चलती है। वहीं, राजस्व घाटे की बात करें तो यह राजस्व व्यय का राजस्व प्राप्तियों से अधिक होना है। प्रभावी राजस्व घाटा राजस्व घाटे और पूंजीगत परिसंपत्तियों की उत्पत्ति के लिए सहायता अनुदान के अंतर को दर्शाता है। वहीं, प्राथमिक घाटे को राजकोषीय घाटे में से ब्याज अदायगी को घटाकर प्राप्त किया जाता है। यदि प्रभावी पूंजीगत व्यय की बात करें, तो यह पूंजीगत व्यय और पूंजीगत परिसंपत्तियों की उत्पत्ति के लिए सहायता अनुदान के जोड़ को कहते हैं। 



सार के मुताबिक, संशोधित अनुमान 2022-23 में कुल व्यय 41,87,232 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया, जो कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के वास्तविक से 3,93,431 करोड़ रुपये अधिक है। वहीं, संशोधित अनुमान 2022-23 कुल पूंजीगत व्यय 7,28,274 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है। 



बजट 2023-24 का अनुमान

 

बजट अनुमान 2023-24 में सरकार ने कुल व्यय 45,03,097 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है, जिसमें से कुल पूंजीगत व्यय 10,00,961 करोड़ है। केंद्र के मुताबिक, बजट 2023-24 में अवसरंचना विकास में निवेश आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके परिणामस्वरूप संशोधित अनुमान  2022-23 से पूंजीगत व्यय में 37.4 पर्सेंट की वृद्धि हुई है। साथ ही बजट अनुमान 2023-24 में प्रभावी व्यय का 1370949 करोड़ होना, संशोधित अनुमान 2022-23 से 30.1 पर्सेंट की वृद्धि को दिखाता है।



इतनी हुई वृद्धि

 

बजट अनुमान 2023-24 में राज्य के हिस्से के वितरण, अनुदानों और केंद्र के सहयोग से हुई योजनाओं के अंतर्गत धनराशि आदि सहित राज्यों को हस्तांतरित किए जा रहे कुल संसाधन 17,97,537 करोड़ रुपये है, जो कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के वास्तविक से 1,43,056 करोड़ रुपये की वृद्धि को दिखा रहा है। 




बजट 2023-24, कहां से आता है रुपया और कहां जाता है

 

आप नीचे दिए चित्रों के माध्यम से समझ सकते हैं कि भारत में रुपया प्राप्ति के स्त्रोत क्या हैं और इसका व्यय कहा-कहां होता है। 

 

यहां से आता है रुपया

Jagranjosh

 

स्त्रोत

 

Jagranjosh

 

 

यहां जाता है रुपया


Jagranjosh


रुपया जाने के माध्यम

 

Jagranjosh

 

 

बजट का सार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



पढ़ेंः Budget 2023: केंद्रीय बजट क्या है: परिभाषा एवं प्रकार

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