Heart Attack और Stroke में क्या होता है अंतर, जानें

Heart Attack और Stroke दोनों ही खतरनाक है। यदि समय पर इलाज न मिल पाए, तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से इन दोनों के बीच अंतर बताने जा रहे हैं। जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
हार्ट अटैक और स्ट्रोक में अंतर
हार्ट अटैक और स्ट्रोक में अंतर

आपने Heart Attack  और Stroke दोनों के बारे में ही सुना होगा। इसमें एक दिल से जुड़ी मेडिकल स्थिति है, तो दूसरी दिमाग से जुड़ी। इंसान के लिए यह दोनों ही खतरनाक है। यदि समय पर इलाज न मिले, तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। ऐसे में बढ़ती उम्र के साथ दिल के साथ दिमाग का भी ख्याल रखने के लिए कहा जाता है, जिसके लिए सुंतलित जीवनशैली और कम तनाव लेने की सलाह दी जाती है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से Heart Attack  और Stroke के बीच अंतर बताने जा रहे हैं। जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

 

क्या होता है हार्ट अटैक

दिल हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। यह एक पंप है, जो कि पूरे शरीर में रक्त का आपूर्ति करता है। दिल में विशेष प्रकार की Cardiac Muscles होती हैं, जो कि समय-समय पर फैलती और सिकुड़ती हैं। शरीर के बाकी अन्य अंगों की तरह इसे भी फैटी एसिड और ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जो कि कोर्नरी आर्टरी के माध्यम से पूरी होती है। वहीं, जब कोर्नरी आर्टरी में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न होती है, तब दिल में रक्त आपूर्ति में परेशानी होती है, जिससे ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। ऐसे में दिल की कोशिकाएं मरने लगती हैं, वहीं इसकी कोशिकाओं को दोबारा से उत्पन्न नहीं किया जा सकता है। यदि लंबे समय तक आर्टरी में बाधा बनी रहती है और रक्त प्रवाह नहीं हो पाता, तो हार्ट अटैक आ जाता है। सही समय पर इलाज न मिलने की वजह से कई बार मरीज की मौत भी हो जाती है। 

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एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी से बचाई जाती है जान

हार्ट अटैक होने पर समय पर अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों की टीम एंजियोग्राफी या एजियोप्लास्टी के माध्यम से आर्टरी में आई बाधा को खोल देते हैं, जिससे रक्त प्रवाह पहले की तरह हो जाती है और मरीज की जान बच जाती है। एंजियोग्राफी में बिना स्टेंट के ही ब्लॉकेज को खोला जाता है, जबकि एंजियोप्लास्टी में आर्टरी में स्टेंट डाला जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को बहुत ही बारीक तार के माध्यम से अंजाम दिया जाता है। 



क्या होता है ब्रेन स्ट्रोक 

दिल की तरह हमारे दिमाग को भी ऑक्सीजन की जरूरत होती है। दिल द्वारा दिमाग में रक्त की आपूर्ति की जाती है। वहीं, जब दिमाग की आर्टरी में बाधा उत्पन्न होती है, तब स्ट्रोक आता है। दरअसल, ब्रेन टिश्यू ग्लूकोज और ऑक्सीजन पर निर्भर होती है। वहीं, जब आर्टरी में बाधा उत्पन्न होने की वजह से दिमाग को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होना या बंद हो जाती है, तब ब्रेन स्ट्रोक आता है। यह भी तीन प्रकार का होता है, जो कि इस्केमिक, ब्रेन हेमरेजिक और ट्रांजिएट स्ट्रोक होता है। इस्केमिक स्ट्रोक में रक्त का थक्का जम जाता है, हालांकि इसमें मरीज के दोबारा से ठीक होने की संभावना अधिक रहती है, जबकि ब्रेन हेमरेज में दिमाग की नस फटने की वजह से दिमाग में खून बहने लगता है, इसमें दोबारा से पूरी तरह से ठीक होने की संभावना कम होती है। ट्रांजिएट में रक्त का थक्का अपने आप रक्त में दोबारा से घुल जाता है, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित होती है। 

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स्ट्रोक में क्या होता है

स्ट्रोक आने पर शरीर में लकवा मार जाता है, यानि शरीर का एक तरफ का हिस्सा काम नहीं करता है। वहीं, इसमें बोलने और समझने में परेशानी, शरीर का संतुलन बिगड़ना, देखने में परेशानी और भ्रम या भटकाव की परेशानी होती है।



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