Public और Private Sector दोनों ही भारत की अर्थव्यवस्था में प्रमुख रोल निभाते हैं। इन दोनों सेक्टरों को मिलाकर करोड़ों की संख्या में लोग काम कर रहे हैं, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित करने में मदद मिलती है। पब्लिक सेक्टर की तुलना में प्राइवेट सेक्टर में सबसे अधिक लोग काम कर रहे हैं। दोनों ही सेक्टर में अलग-अलग वेतनमान और सुविधाएं हैं। हालांकि, कई लोग पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं। इस लेख के माध्यम से हम आपको इन दोनों सेक्टर के बीच अंतर बताएंगे, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
क्या होता है Public Sector
Public Sector वह होते हैं, जो कि सरकार द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। इसमें सरकार का आंशिक, कुछ हिस्सा या फिर पूरा अधिकार होता है। वहीं, सबसे अधिक हिस्सेदारी सरकार की होती है। ऐसे में डिसीजन मेकिंग में सरकार निर्णय लेती है। कुछ पब्लिक सेक्टर नॉन प्रोफिट होते हैं, तो कुछ सेक्टर आंशिक लाभ कमाते हैं। हालांकि, इस सेक्टर का प्रमुख उद्देश्य कम रुपये पर सुविधाओं को लोगों तक पहुंचाना होता है, जिससे पंक्ति में खड़ा अंतिम व्यक्ति भी इन सुविधाओं का लाभ ले सके। उदाहरण के तौर पर, केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, राज्य द्वारा संचालित एंटरप्राइजेज, नगर निगम व अन्य सरकारी एजेंसियां पब्लिक सेक्टर में आती हैं। भारतीय रेलवे सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं।
क्या होता है Private Sector
Private Sector पूर्ण रूप से निजी हाथों में होता है। इसे कोई एक व्यक्ति या फिर समूह भी संचालित कर सकता है। इसके साथ ही यह छोटे, मध्यम और बड़े स्तर के हो सकते हैं। इनका उदद्देश्य लाभ कमाते हुए अपने उपभोक्ताओं तक बेहतर उत्पादन या सेवाएं पहुंचाना होता है। निजी सेक्टर में पार्टनरशिप या कॉअपरेटिव सोसायटी के माध्यम से भी इनका संचालन किया जाता है। वर्तमान समय में निजी क्षेत्र विभिन्न स्तर पर उत्पादन से लेकर सेवाओं की सुविधाएं देकर लाभ कमा रहा है। इससे भारत की अर्थव्यवस्था को भी बल मिल रहा है। निजी कंपनियों में विभिन्न प्रकार की कंपनियां शामिल हैं, जो लोगों को नौकरियां प्रदान कर रही हैं।
Public और Private Sector में प्रमुख अंतर
-Public सेक्टर सरकार द्वारा आंशिक या पूर्ण रूप से नियंत्रित होते हैं, जबकि Private Sector में किसी एक व्यक्ति या समूह का नियंत्रण होता है।
-Public सेक्टर का मालिकाना हक केंद्र या राज्य सरकार के पास के होता है। वहीं, Private Sector का मालिकाना हक किसी एक व्यक्ति या समूह के पास हो सकता है।
-Public सेक्टर का मुख्य उद्देश्य लोगों को कम पैसों में बेहतर सुविधाएं देना होता है, जबकि Private Sector में लोगों को सुविधाओं देते हुए अपने ऑपरेशंस से लाभ कमाना मुख्य उद्देश्य है।
-Public सेक्टर में नौकरी निश्चित होती है, लेकिन Private Sector में नौकरी निश्चित नहीं होती है। किसी भी प्रकार के संकट या मंदी के दौर में निजी नौकरी पर खतरा रहता है।
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