Hariyali Teej 2020: हरियाली तीज पर्व पूरे उत्तर भारत में जैसे हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश इत्यादि में काफी उत्साह से मनाया जाता है. तीज त्यौहार जिसे हरियाली तीज, सावन तीज, श्रावण तीज जैसे कई नामों से भी जाना जाता है.
तीज त्योहार के प्रकार
सावन और भाद्रपद के महीनों के दौरान हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज महिलाओं द्वारा तीन तीज मनाई जाती हैं. अन्य तीज त्यौहार जैसे कि आखा तीज, जिसे अतिरिक्त रूप से अक्षय तृतीया के रूप में भी जाना जाता है और गणगौर तृतीया उपरोक्त तीन तीज का हिस्सा नहीं हैं. आपको बता दें कि हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज विशेष तीज त्योहार हैं जो श्रावण और भाद्रपद के महीनों में आते हैं. वर्तमान में ये दो महीने वर्षा ऋतु या मानसून की अवधि के साथ मेल खाते हैं और ये तीन तीज का समय महिलाओं के लिए और भी खास है.
हरियाली तीज के बारे में
यह श्रावण मास में शुक्ल पक्ष तृतीया को पड़ता है और आमतौर पर नाग पंचमी से दो दिन पहले पड़ता है. यह त्योहार भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है. जैसा कि यह मानसून या वर्षा ऋतु (सावन) पर पड़ता है जब चारों ओर हरियाली हो जाती है हरियाली तीज के रूप में जानी जाती है. इस दिन, विवाहित लड़की के माता-पिता अपनी बेटियों और ससुराल वालों के लिए सिंधारा या उपहार भेजते हैं. जैसे घर की बनी मिठाइयाँ, घेवर, मेहंदी, चूड़ियाँ इत्यादि. चूंकि यह माता-पिता द्वारा बेटी और उसके ससुराल वालों को सिंधारा भेजने का रिवाज़ है, इसलिए हरियाली तीज को सिंधारा तीज के नाम से भी जाना जाता है. हरियाली तीज को इसके अलावा छोटी तीज और श्रवण तीज के रूप में भी जाना जाता है. जबकि कजरी तीज हरियाली तीज के पंद्रह दिन बाद आती है और बड़ी तीज के रूप में जानी जाती है.
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हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्म लिए थे. मां पार्वती के कठोर तप और उनके 108वें जन्म में भगवान शिव ने देवी पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया. इसलिए, यह वह दिन है जब भगवान शिव का माता पार्वती के साथ पुनर्मिलन हुआ था. देवी पार्वती को तीज माता के नाम से भी जाना जाता है. इसलिए आज का दिन सुहागन स्त्रियों के लिए विशेष महत्व का रखता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जो सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं, उनका सुहाग लंबे समय तक बना रहता है.
हरियाली तीज का पर्व कैसे मनाया जाता है और इसका क्या महत्व है?
हरियाली तीज नाम भारत के मानसून के महीने में हरियाली का प्रतीक है. इस दिन महिलाएं देवी पार्वती को हल्दी चावल, बेलपत्री, फल और फूल इत्यादि अर्पित करती हैं और देवी से अपने पति की लंबी आयु और अपने दांपत्य जीवन में खुशहाली की प्रार्थना करती हैं. पारंपरिक पोशाक में महिलाएं हरे रंग के कपड़े पहनती हैं जैसे हरे रंग की साड़ी, हरे रंग की चूड़ियाँ पहनती हैं, हाथों में मेहंदी लगाती हैं, सोलह श्रृंगार करती हैं और उपवास रखती हैं. साथ ही अविवाहित महिलाएं अपनी पसंद के पति की कामना करती हैं.
यह त्योहार भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है. पर्व के दौरान विवाहित महिलाएं अपने माता-पिता के घर जाती हैं, पारंपरिक पोशाक पहनती हैं जो अधिकतर हरे रंग की होती है जैसे हरी साड़ी, हरी चूड़ियाँ, इत्यादि झूले तैयार करती हैं, जोड़ी में झूलती हैं साथ ही तीज का गीत और पारंपरिक गीत गाती हैं.
हरियाली तीज 2020: शुभकामनाएं, संदेश
1. हरियाली तीज का त्योहार आपके जीवन में आशाएं, सपने और मुस्कुराहट लाता है. हरियाली तीज की हार्दिक बधाई.
2. आया है तीज का त्योहार,
सखियों हो जाओ तैयार,
मेंहदी हाथों में रचाकर,
कर लो सोलाह श्रृंगार.
हरियाली तीज की बधाई.
3. आपके लिए यह तीज प्रकाशमय हो, सुखद समय की आशाएं और मुस्कुराहट से भरा वर्ष. हरियाली तीज की बधाई.
4. हरियाली तीज का त्योहार है,
घेवर की बहार है,
पेड़ों पर पड़ें हैं झूले,
दिलों में सब के प्यार है.
हरियाली तीज की हार्दिक बधाई.
5. बारिश की हल्की-हल्की फुहार है,
ये सावन की बहार है,
संग यारों के झूले आओ,
आज तीज का त्योहार है.
हरियाली तीज की हार्दिक बधाई.
6. तीज का पर्व महिला के प्यार और बलिदान का प्रतीक है. आइए हम खुशियों के साथ त्योहार मनाएं. हरियाली तीज की हार्दिक बधाई.
7. देवी पार्वती आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करें और आपको भगवान शिव की तरह एक प्यारा पति मिले. हरियाली तीज की हार्दिक बधाई.
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