कितनी पुरानी इमारत को दिया जाता है Heritage का दर्जा, जानें

Apr 22, 2025, 16:34 IST

विश्व में हर साल 18 अप्रैल विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। यह वह दिन है, जब विश्व में मौजूद सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और कलात्मक रूप से महत्त्वपूर्ण इमारतों के संरक्षण के लिए जागरूक किया जाता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि कितनी पुरानी इमारत को हेरिटेज इमारत का दर्जा दिया जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

कैसे मिलता है हेरिटेज का दर्जा
कैसे मिलता है हेरिटेज का दर्जा

भारत का इतिहास उठाकर देखें, तो हमें अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ऐतिहासिक इमारतें देखने को मिलती हैं। इस कड़ी में विश्व में हर साल 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस भी मनाया जाता है।

इस अवसर पर विश्व में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से महत्त्वपूर्ण इमारतों के संरक्षण को लेकर जागरूक करने के साथ संरक्षण के लिए कई नए कदम भी उठाए जाते हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि कितनी पुरानी इमारत को हेरिटेज इमारत का दर्जा दिया जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।   

क्या होती है हेरिटेज इमारत 

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि हेरिटेज इमारत क्या होती है। आपको बता दें कि एक हेरिटेज इमारत उस संरचना को कहा जाता है, जिसका ऐतिहासिक, वास्तुकला से संबंधी, सांस्कृतिक, कलात्मक या पर्यावरणीय महत्त्व होता है। साथ ही, ऐसी इमारतों को संरक्षित करने की भी आवश्यकता होती है। ऐसी इमारतों को आगे की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित किया जाता है। 

कितनी पुरानी इमारत को मिलता है हेरिटेज का दर्जा

इमारत को हेरिटेज का दर्जा देने के लिए सिर्फ इमारत की आयु नहीं देखी जाती है। हेरिटेज के लिए आयु समेत अन्य कारक भी शामिल किए जाते हैं, जो कि इस प्रकार हैंः 

-ऐतिहासिक महत्त्व : इमारत का किसी महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना, व्यक्ति या सांस्कृतिक आंदोलन से संबंध होना चाहिए।

-वास्तुकला संबंधी मूल्य : हेरिटेज के लिए इमारत की अनूठी वास्तुकला शैली, डिजाइन, तकनीक या सामग्री का उपयोग उत्कृष्ट होना चाहिए।

-सांस्कृतिक महत्त्व: इमारत किसी विशेष सांस्कृतिक महत्त्व को भी दर्शाती हो। 

-कलात्मक मूल्य: इमारत में कलात्मक मूल्य भी शामिल होने चाहिए। उदाहरण के तौर पर इमारत उत्कृष्ट कलाकृति, सजावट या शिल्प कौशल को दर्शाती हो।
-पर्यावरणीय महत्त्व: कुछ मामलों में प्राकृतिक और पर्यावरणीय महत्त्व को भी तरजीह दी जाती है।

-अखंडता: इमारत का मूल स्वरूप और इसकी संरचना काफी हद तक अपने मूल रूप में होनी चाहिए।

भारत में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India - ASI) और राज्य सरकार की विरासत संरक्षण समितियां इन मानदंडों के आधार पर इमारतों को हेरिटेज का दर्जा देती हैं। प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 (Ancient Monuments and Archaeological Sites and Remains Act, 1958) इस संबंध में मुख्य कानून है।

यह ध्यान देने वाली बात यह है कि 100 वर्ष से अधिक पुरानी संरचना को भी हेरिटेज माना जा सकता है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि इमारत को स्वचालित रूप से हेरिटेज का दर्जा मिल सकता है। हेरिटेज का दर्जा देने के लिए ऐतिहासिक, वास्तुकला, सांस्कृतिक या कलात्मक मूल्यों का मूल्यांकन किया जाता है। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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