दीपावली या दिवाली भारत के सभी हिंदू त्योहारों में सबसे भव्य है. इस साल यह 4 नवंबर 2021 को मनाई जाएगी.
दिवाली का त्यौहार दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों में नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है. यह आमतौर पर दक्षिण भारत में उसी दिन मनाया जाता है जैसे उत्तर भारत में, लेकिन कुछ मामलों में, यह एक दिन पहले मनाया जाता है. यह वह स्थिति है जब तिथि ओवरलैप करती है. आखिर उत्तर भारत में दीपावली दक्षिण भारत से कैसे अलग है, यह क्यों और कब मनाई जाती है, आइये जानते हैं.
उत्तर और दक्षिण भारत में दिवाली उत्सव में अंतर
उत्तर भारत में दिवाली उत्सव
1. भारत के उत्तरी हिस्सों में, दीवाली तब से मनाई जाती है जब भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद इस दिन अपने राज्य अयोध्या लौटे थे. इस दिन कहा जाता है कि भगवान राम की वापसी पर उनके लोगों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था.
2. लोग दिवाली के दिन भगवान गणेश के साथ लक्ष्मी पूजन या देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं.
3. इस दिन लोग मिट्टी के दीये, लाइट जलाते हैं, अपने घरों को फूलों और रंगोली से सजाते हैं.
4. उत्तर भारत में धनतेरस से दीपावली त्योहार को मनाने की शुरुआत होती है. यह दिवाली के वास्तविक त्योहार से दो दिन पहले मनाया जाता है. धनतेरस पर लोग मिठाई तैयार करते हैं, सोने के आभूषण और सिक्के, चांदी के बर्तन, इत्यादि खरीदते हैं क्योंकि यह शुभ माना जाता है. उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में झाड़ू भी खरीदी जाती है जो लक्ष्मी के घर में प्रवेश का प्रतीक है.
5. हिंदू वित्तीय वर्ष दिवाली से शुरू होता है और इस प्रकार इस दिन को विभिन्न व्यापारियों द्वारा बड़ी शिद्दत से मनाया जाता है.
6. उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में, रामायण के दृश्यों को दर्शाने वाले नुक्कड़ नाटक भी मनोरंजन के उद्देश्य से आयोजित किए जाते हैं.
दक्षिण भारत में दिवाली उत्सव
1. भारत के दक्षिणी हिस्सों में दिवाली उस दिन मनाई जाती है जब भगवान कृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने उन्हें राक्षस नरकासुर का वध करने के लिए कहा था.
2. यह दिवाली से एक दिन पहले यानी अमावस्या के दिन पड़ती है. इस दिन को दक्षिण भारत में नरक चतुर्दशी कहा जाता है और इसे त्योहार की वास्तविक शुरुआत माना जाता है.
3. देश के उत्तरी भागों की तुलना में दक्षिण भारत में दिवाली के उपलक्ष्य में कम धूमधाम होती है.
4. लोग नए कपड़े खरीदते हैं, खासकर बच्चें. वे इस दिन मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं और अपने रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं.
5. कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में दोनों दिन पटाखे भी जलाए जाते हैं.
6. आमतौर पर दक्षिण भारत में, नरक चतुर्दशी को तेल से स्नान, घर की सफाई और मिठाई की तैयारी से जोड़ा जाता है.
इस साल दिवाली 4 नवंबर को पूरे देश में मनाई जाएगी. जागरण जोश की ओर से आप सभी को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.
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