फुटबॉल के बाद क्रिकेट दुनिया का दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल है। क्रिकेट के खेल में अंपायरों की भूमिका न्यायपालिका में न्यायाधीशों की तरह होती है। कई मौकों पर खेल का नतीजा तय करने में अंपायर बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। इस लेख में हम भारत में अंपायर बनने या बीसीसीआई के दायरे से संबंधित विस्तृत जानकारी दे रहे हैं।
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पात्रता:
किसी भी आवेदक के लिए अंपायर बनने से पहले प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना जरूरी नहीं है, अगर किसी ने पहले क्रिकेट खेला है, तो यह अतिरिक्त लाभ होगा।
किसी अंतरराष्ट्रीय खेल में अंपायरिंग के लिए पात्र होने से पहले कई चरण होते हैं, जिन्हें पार करना होता है। क्रिकेटरों की तरह अंपायरों को भी उनके लगातार प्रदर्शन के आधार पर आंका जाता है।
अंपायर के पद के लिए आवेदन करने से पहले आपके पास यह होना चाहिए;
ए-उत्तम नेत्रज्योति
बी-अच्छी फिटनेस
सी-क्रिकेट के नियमों की पूरी जानकारी
बीसीसीआई ने अंपायरों को चार ग्रेड में बांटा है
ग्रेड ए: इस सूची में अब तक 20 अंपायर हैं
ग्रेड बी: इस सूची में अब तक 25 अंपायर हैं
ग्रेड सी: इस सूची में अब तक 35 अंपायर हैं
ग्रेड डी: इस सूची में अब तक 40 अंपायर हैं
गौरतलब है कि बीसीसीआई "ग्रेड ए" अंपायरों को प्रतिदिन 40000 रुपये देता है।
चरण दर चरण प्रक्रिया इस प्रकार है;
-पहला कदम अपने संबंधित राज्य संघ के साथ पंजीकरण करना है। क्योंकि, यह राज्य संघ ही है, जो बीसीसीआई को नाम भेजता है।
-एक बार जब आप स्थानीय मैचों में अंपायरिंग कर लेते हैं, तो राज्य संघ आपका नाम बीसीसीआई द्वारा हर साल या हर दो साल में एक बार आयोजित लेवल 1 परीक्षा के लिए भेज देता है।
-बीसीसीआई सभी आवेदकों के लिए तीन दिनों के लिए कोचिंग कक्षाओं की व्यवस्था करता है। चौथे दिन लिखित परीक्षा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में योग्यता के आधार पर उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है ।
शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को एक इंडक्शन कोर्स के लिए आना होता है, जहां खेल के नियमों पर आगे के संदेहों का समाधान किया जाता है।
-शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों के लिए एक और परीक्षा होती है, जो व्यावहारिक और मौखिक भी हो सकती है।
-इस परीक्षा को पास करने वालों को लेवल 2 परीक्षा में उपस्थित होना होता है, जो आम तौर पर एक वर्ष की अवधि के बाद आयोजित की जाती है।
-लेवल 2 परीक्षा लिखित, व्यावहारिक और मौखिक परीक्षा का एक संयोजन है। जो लोग इसे पास कर लेते हैं, उन्हें मेडिकल टेस्ट के लिए उपस्थित होना पड़ता है।
-जब कोई लेवल 2 पूरी तरह से पास कर लेता है, तो एक और इंडक्शन कोर्स आयोजित किया जाता है, जिसके बाद आपको बीसीसीआई अंपायर के रूप में मान्यता मिल जाती है।
गौरतलब है कि बीसीसीआई परीक्षा पास करने के लिए; बाजार में बहुत सारी किताबें उपलब्ध हैं । इसके अलावा इंटरनेट पर भी अध्ययन सामग्री उपलब्ध है।
इसलिए अगर कोई अंपायर बनना चाहता है, तो उसके पास इस खेल के प्रति जुनून के साथ-साथ अच्छा ज्ञान और सही नजर होनी चाहिए।
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