World AIDS Day: किस देश में और कब मिला था एड्स का पहला मामला, यहां पढ़ें

World AIDS Day: दुनियाभर में हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का आयोजन इस संक्रामक बीमारी से बचाव और इसके प्रति जागरूकता के लिए किया जाता है। इस लेख में हम एड्स के इतिहास के बारे में जानेंगे कि आखिर यह किस देश से और कब फैला था।

Dec 1, 2024, 12:06 IST
विश्व एड्स दिवस 2024
विश्व एड्स दिवस 2024

World AIDS Day: विश्व स्वास्थ्य संगठन के कैलेंडर पर गौर करें, तो हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर पूरी दुनिया में इस संक्रामक बीमारी की रोकथाम के लिए जागरूकता फैलाई जाती है।

इसके प्रति लोगों को सचेत कर इससे बचने के लिए विभिन्न उपायों के बारे में जानकारी दी जाती है। साल 2024 के एड्स दिवस की थीम है- ‘सही मार्ग अपनाएंः मेरी सेहत, मेरा अधिकार’। अभी तक दुनिया में कोई भी देश एड्स मुक्त नहीं है।

हालांकि, सरकारें अपने स्तर पर विभिन्न प्रयास कर इस बीमारी से मुक्त होने की कवायद में लगी हुई हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि दुनिया के किस देश में और कब एड्स का पहला मामला मिला था, यदि नहीं, तो इस लेख में हम एड्स के इतिहास के बारे में जानेंगे। 

World AIDS Day: कब मिला था एड्स का पहला मामला 

दुनिया में एड्स का पहला मामला साल 1959 में मिला था। एक व्यक्ति के खून के नमूने में यह संक्रमण पाया गया था। उस समय पेरिस के पाश्चर इंस्टीट्यूट में संक्रमित खून के नमूने की जांच की गई थी। 

World AIDS Day: किस देश में मिला था एड्स का पहला मामला

एड्स का पहला मामला दुनिया में पहली बार किंशासा में मिला था, जो कि अब मध्य अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्ल्कि ऑफ कांगो की राजधानी है।

कैसे हुई थी वायरस की शुरुआत

ऑक्सफोर्ड और बेल्जियम के ल्यूवेन विश्वविद्यालय ने एचआईवी की फैमिली ट्री बनाई और इस पर शोध किया। वैज्ञानिकों ने पाया कि यह चिंपैजी वायरस का ही परिवर्तित रूप है। उस समय किंशासा बुशमीट का बड़ा बाजार था। ऐस में संक्रमित खून के संपर्क में आने से यह मनुष्यों तक पहुंचा था। इस कड़ी में इसने गोरिल्ला, बंदर, चिंपैजी और इंसानों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू किया था। संक्रमण फैलने के दौरान लाखों लोग इससे संक्रमित हो चुके थे।  

क्यों तेजी से फैला था एड्स 

इसके पीछे वैज्ञानिक बताते हैं कि एड्स फैलने के पीछे विभिन्न कारण हैं। साल 1920 तक किंशासा बेल्जियन कांगों का हिस्सा हुआ करता था और 1966 तक इसे लियोपोल्डविले कहा जाता था। उस समय शहर का विस्तार तेजी से हो रहा था। ऐसे में यहां पुरुष पहुंचे, जिससे शहर का लिंगानुपात बिगड़ा और इससे वैश्यवृति को बढ़ावा मिला। वहीं, स्वास्थ्य शिविरों में भी संक्रमित सुईयों का इस्तेमाल हुआ, जिससे एड्स जैसी बीमारी को पंख मिले। 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News