दुनिया के किस देश में तीन पटरियों पर चलती है ट्रेन, जानें

Jun 12, 2023, 12:39 IST

आपने भारतीय रेलवे में जरूर सफर किया होगा, जो कि ब्रॉड गेज यानि दो पटरियों पर चलती है। हालांकि, क्या आपको पता है कि दुनिया का एक ऐसा देश भी है, जहां पर तीन पटरियों पर ट्रेनों का संचालन किया जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको दुनिया के ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही वहां की ट्रेन से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में जानेंगे। 

तीन पटरियों पर चलने वाली ट्रेन
तीन पटरियों पर चलने वाली ट्रेन

यदि एशिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क बात करें, तो सबसे पहले नंबर पर भारतीय रेलवे का नंबर आता है, जो कि दुनिया में भी चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। रेलवे की ओर से प्रतिदिन 13 हजार से अधिक यात्री ट्रेनों के संचालन किया जाता है, जो कि सात हजार से अधिक रेलवे स्टेशनों से गुजरती हैं।

इसमें यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या भी करोड़ों में है। भारत में आपने भी भारतीय रेलवे की यात्रा जरूर की होगी। इस दौरान आपने देखा होगा कि भारतीय ट्रेन दो पटिरयों पर दौड़कर आपको आपकी मंजिल तक पहुंचा देती है।

हालांकि, क्या आपको पता है कि दुनिया का एक ऐसा भी देश है, जहां पर ट्रेनों का संचालन दो नहीं, बल्कि तीन पटरियों पर किया जाता है। यह पढ़कर आपको थोड़ी हैरानी हो रही होगी, हालांकि ऐसा होता है।

इस लेख के माध्यम हम आपको ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही वहां चल रही ट्रेन के बारे में भी कुछ खास बातें जानेंगे। 

 

किस देश में चलती है तीन पटरियों पर ट्रेन 

भारत के पड़ोसी देश कहे जाने वाले बांग्लादेश में तीन पटरियों पर ट्रेनों का संचालन किया जाता है। यहां पर बांग्लादेश सरकारा द्वारा रेलवे का संचालन किया जाता है, जिसकी कुल लंबाई 2,855 किलोमीटर है। 

 

क्यों चलती है तीन पटरियों पर ट्रेन

बांग्लादेश में तीन तरह के रेलवे ट्रेक हैं, जिसमें मीटर गेज(Meter Gauge), ब्रॉड गेज(Broad Gauge) और और ड्यूल गेज(Dual Gauge) शामिल है। पहले यहां पर सिर्फ मीटर और ब्रॉड गेज में ट्रेनों का संचालन किया जाता था।

हालांकि, समय के साथ-साथ ट्रेनों में परिवर्तन होने लगा। ऐसे में बांग्लादेश की ओर से यहां पर पुरानी पटरियों के ट्रैक को बदलना मुनासिब नहीं समझा। क्योंकि, इसे करने के लिए लोकोमोटिव से लेकर कोच में भी परिवर्तन करना पड़ता, जिससे रेलवे पर अधिक बोझ पड़ता। इसको  देखते हुए ड्यूल गेज का कांसेप्ट अपनाया गया। 

 

क्या होता है ड्यूल गेज

अब सवाल यह है कि आखिर ड्यूल गेज होता क्या है, तो आपको बता दें कि ड्यूल गेज मीटर गेज और ब्रॉड गेज से बना होता है। इस तरह के ट्रैक में दोनों तरह की ट्रेनों का संचालन किया जा सकता है।

इसमें दो गेज ट्रैक के अलावा एक अन्य रेल(ट्रैक) भी शामिल होती है, जो कि कॉमन होती है। यह रेल अलग-अलग गेज वाली ट्रेनों के संचालन में काम आती है। वहीं, कुछ जगहों पर तीन की जगह चार पटरियों का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें दो इनर और दो आउटर रेल के साथ ट्रेनों का संचालन होता है। 

 

इसलिए भी इस्तेमाल होती है तीसरी पटरी

आपको बता दें कि बांग्लादेश में कुछ जगहों पर तीसरी पटरी का इस्तेमाल ट्रेन को इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई करने के लिए भी किया जाता है। 

 

कब शुरू हई रेल सेवा

बांग्लादेश में 15 नवंबर, 1862 को रेल सेवा शुरू हुई थी। इसके बाद 4 जनवरी, 1885 को एक और मीटर गेज की शुरुआत की गई थी। वहीं, साल 1891 में बंगाल-असम रेलवे का निर्माण किया गया था, जिसे बंगाल-असम रेलवे कंपनी द्वारा चलाया गया था। भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्री एक्सप्रेस चलती है, जो कि कोलकाता और ढाका के बीच चलती है। वहीं, बंधन एक्सप्रेस कोलकाता और खुलना के बीच चलती है। इसके अलावा एक मिताली एक्सप्रेस का भी संचालन किया जाता है। आपको बता दें कि ब्राजिल, फिनलैंड,  स्लोवेनिया व ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में भी ड्यूल गेज ट्रेन का संचालन होता है। 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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