भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में स्वतंत्रता दिवस 2021 से पहले 100 मीटर ऊंचा झंडा फहराया। ध्वजारोहण समारोह के बाद भारतीय सेना ने ध्वज को सलामी देकर सम्मान दिया।
एक देश, एक दिल, एक निशान।#AzadiKaAmritMahotsav pic.twitter.com/VKUG3I2Mas
— PRO Udhampur, Ministry of Defence (@proudhampur) August 10, 2021
भारतीय सेना द्वारा फहराया गया तिरंगा झंडा देश को एकता के सूत्र में बांधे रखने का संदेश दे रहा है। सेना ने एक बयान में कहा कि तिरंगा कश्मीर में शांति और देशभक्ति के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
"100 फीट ऊंचा भारतीय ध्वज कश्मीर में शांति और देशभक्ति के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। इस परियोजना को भारतीय सेना और सोलर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से निष्पादित किया गया है। परियोजना की आधारशिला 7 फरवरी 2021 को रखी गई थी और 10 अगस्त 2021 को राष्ट्र को समर्पित ध्वज," भारतीय सेना द्वारा दिया गया बयान।
"One Flag, one Land, one Heart, one Hand"#Kashmir ready to welcome the Tallest Flag in Gulmarg. The skyline of #Gulmarg will soon be characterised by 100 ft tall #Flag. The place is increasingly becoming popular among the tourists.
— Chinar Corps🍁 - Indian Army (@ChinarcorpsIA) August 4, 2021
Jai Hind 🇮🇳#IndianArmy#India @adgpi pic.twitter.com/c9ioPpMJJr
समारोह की अध्यक्षता उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने की। उन्होंने शहीद जवानों के परिजनों को भी सम्मानित किया और उन नागरिकों को भी सम्मानित किया जिन्होंने विभिन्न प्रयासों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अत्यधिक योगदान दिया।
जनरल वाई के जोशी ने कहा कि यह ध्वज उन अनगिनत कश्मीरियों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने राष्ट्र की एकता एवं अखंडता की रक्षा करते हुए बलिदान दिया है।
श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता कर्नल एमरॉन मुसावी ने कहा, ''स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरा होने पर मनाए जा रहे समारोहों के तहत एक साधारण समारोह में आज (मंगलवार को) गुलमर्ग में राष्ट्र को 100 फुट ऊंचा राष्ट्रध्वज समर्पित किया गया। समारोह की अध्यक्षता सेना कमांडर, उत्तरी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने की।''
गुलमर्ग के सुंदर और स्वास्थ्यप्रद परिवेश के बीच स्थित स्मारक स्थान पर्यटकों के आकर्षण में इज़ाफा करेगा। यहां पर गुलमर्ग घूमने आए पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी तिरंगे के साथ सेल्फी और तस्वीरें ले सकेंगे।
बता दें कि गुलमर्ग में सन् 1965 का पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ था। जब पाकिस्तानी सेना एलओसी से सटे इस स्थान को पार कर गई थी, तो युवा चरवाहे मोहम्मद दीन की त्वरित प्रतिक्रिया ने सुरक्षा बलों को सतर्क किया और भारतीय सेना विपक्ष के नापाक मंसूबे को रोकने में सफल रही।
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