बीते दिनों दिल्ली के द्वारका सेक्टर-25 में द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्घाटन हुआ है। यह भारत का पहला एलिवेटेड शहरी एक्सप्रेसवे है। यह 16 लेन वाला एक्सप्रेसवे दिल्ली और गुरुग्राम के बीच यातायात की स्थिति में सुधार के लिए बनाया गया है। यह एक्सप्रेसवे 27 किलोमीटर लंबा है और इसके निर्माण पर लगभग 7500 करोड़ रुपये की लागत आई है।
द्वारका एक्सप्रेसवे: रूट मैप
27 किलोमीटर लंबी द्वारका मोटरवे परियोजना (एनएच 248-बीबी) दिल्ली में महिपालपुर (शिव मूर्ति) को हरियाणा में न्यू गुड़गांव (गुरुग्राम) के माध्यम से खेड़की धौला से जोड़ता है।
यह परियोजना 2006 में उत्तरी परिधीय सड़क (एनपीआर) के रूप में शुरू हुई थी और 2016 में इसे एनएचएआई को हस्तांतरित कर दिया गया था। इस मोटरवे का निर्माण जे कुमार तथा लार्सन एंड टूब्रो द्वारा किया गया है और इसमें 20 से अधिक फ्लाईओवर/पुल, 2 रेल ओवरब्रिज/अंडरपास, 11 वाहन अंडरपास, 20 भूमिगत पैदल यात्री क्रॉसिंग और 2.5 मीटर चौड़ा साइकिल/बाइक पथ शामिल हैं।
द्वारका एक्सप्रेसवे: परियोजना लागत
27 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का निर्माण लगभग 7500 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। 2006 में योजनाबद्ध इस परियोजना का समाप्ति समय 2024 था।
द्वारका एक्सप्रेसवे: टोल दरें
द्वारका एक्सप्रेसवे की सटीक टोल दरों की अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एकल यात्रा के लिए अपेक्षित टोल दरें इस प्रकार हैं:
-कार/वैन/जीप: रु. 80
-हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी): रु. 115
-3 एक्सल वाहन: रु. 235
-बस/ट्रक: रु. 235
द्वारका एक्सप्रेसवे: महत्वपूर्ण विवरण
-द्वारका एक्सप्रेसवे भारत का पहला एलिवेटेड शहरी एक्सप्रेसवे है, जिसे यातायात की भीड़ को कम करने और दिल्ली और गुरुग्राम के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।
-हरियाणा खंड में दो खंड शामिल हैं - दिल्ली-हरियाणा सीमा से बसई आरओबी तक (10.2 किमी) और बसई आरओबी से खेरकी दौला (क्लोवरलीफ इंटरचेंज) तक (8.7 किमी)।
-यह आठ लेन और एकल-स्तंभ फ्लाईओवर वाला पहला एलिवेटेड शहरी एक्सप्रेसवे है, जिसमें बहु-स्तरीय इंटरचेंज, सुरंग, अंडरपास, एट-ग्रेड सड़क खंड और एलिवेटेड फ्लाईओवर शामिल है।
-यह भारत की सबसे लम्बी (3.6 किलोमीटर) और सबसे चौड़ी (कुल सोलह लेन) शहरी सड़क सुरंग है।
-यह मार्ग द्वारका सेक्टर 88, 83, 84, 99 और 113 को सेक्टर 21 और गुरुग्राम में प्रस्तावित ग्लोबल सिटी से जोड़ता है।
-द्वारका एक्सप्रेसवे पूरी तरह से स्वचालित टोल प्रणाली के साथ उन्नत सुरक्षा तंत्र से सुसज्जित है।
-इसमें 2 लाख मीट्रिक टन स्टील और 20 लाख घन मीटर कंक्रीट की खपत का अनुमान है।
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