भारत वास्तुकला के चमत्कारों की भूमि रहा है, क्योंकि इसके इतिहास, संस्कृति और धर्म में इसकी गहरी जड़ें हैं। इंडिया गेट भारतीय वास्तुशिल्प चमत्कार का एक उदाहरण है। यह दुनिया का सबसे बड़ा युद्ध स्मारक है, जिसे 21वीं सदी में बनाया गया था।
यदि आप कभी नई दिल्ली जिले में गए हैं, तो आपने इंडिया गेट भी देखा होगा। दिल्ली की प्रमुख पहचानों में से एक इंडिया गेट भी है। यहां हम इंडिया गेट के बारे में कुछ रोचक तथ्य दे रहे हैं, जो भारत के स्थापत्य गौरव के बारे में पाठकों की सामान्य जागरूकता बढ़ाएंगे।
पढ़ेंः भारत का सबसे पश्चिमी जिला कौन-सा है, जानें
"व्यक्तिगत वीरता की प्रेरक कहानियां इस देश के इतिहास में सदैव जीवित रहेंगी।"- चेम्सफोर्ड
इंडिया गेट के बारे में रोचक तथ्य
-प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए सैनिकों के लिए भारत के सबसे बड़े वार मेमोरियल की आधारशिला 10 फरवरी 1921 को ड्यूक ऑफ कनॉट द्वारा रखी गई थी।
-सर एडविन लुटियंस मुख्य डिजाइनर थे। इसका उद्घाटन 12 फरवरी 1931 को वायसराय लॉर्ड इरविन ने किया था।
-पूरा मेहराब लाल भरतपुर पत्थर के निचले आधार पर खड़ा है और एक विशाल ढलाई में धीरे-धीरे ऊपर उठता है। इसकी दीवारों पर उन भारतीय सैनिकों के नाम अंकित हैं, जिन्होंने अफगान युद्ध और प्रथम विश्व युद्ध में अपने प्राण न्यौछावर किए थे।
-यह 42 मीटर ऊंचा है और कुछ हद तक पेरिस में स्थित 'आर्क डी ट्रायम्फ' जैसा दिखता है ।
-आजादी के बाद यह युद्ध स्मारक भारतीय सेना के अज्ञात सैनिकों की समाधि को समर्पित किया गया।
-अमर जवान ज्योति को एक अन्य स्मारक के रूप में जोड़ा गया, जो दिसंबर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की याद दिलाने के लिए मेहराब के नीचे दिन-रात जलती रहती थी। हालांकि, अब इसके स्थान बदल दिया गया है।
-यह संरचना 18वीं सदी के महाबलीपुरम मंडप से प्रेरित है और इसमें 1947 तक किंग जॉर्ज पंचम की मूर्ति थी ।
-इंडिया गेट के कंगनी सूर्य के शिलालेख से सुशोभित हैं, जो ब्रिटिश इंपीरियल कॉलोनी का प्रतीक है। भारत शब्द मेहराब के शीर्ष पर दोनों तरफ MCMXIV (1914 बाएं) और MCMXIX (दाएं 1919) तारीखों से अंकित है।
इसके नीचे निम्नलिखित अंश अंकित है - "भारतीय सेनाओं के मृतकों के लिए, जो शहीद हुए और सम्मानित हैं" फ्रांस और फ़्लैंडर्स, मेसोपोटामिया और फारस, पूर्वी अफ़्रीका, गैलीपोली और अन्यत्र, निकट और सुदूर-पूर्व में और पवित्र स्मृति में उन लोगों के नाम भी दर्ज हैं, जो भारत या उत्तर-पश्चिमी सीमा में और तीसरे अफगान युद्ध के दौरान मारे गए थे ।
-यह गणतंत्र दिवस परेड पर भारतीय ध्वज फहराने का स्थान है, जो पहले राष्ट्रपति भवन पर फहराया जाता था।
-यह उन लोगों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है, जो हरे-भरे लॉन और नौकायन क्षेत्रों में अच्छा समय बिताने के लिए एकत्र होते हैं।
इंडिया गेट प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है और हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक यहां आते हैं। इसका एतिहासिक और राष्ट्रीय महत्व होने के साथ-साथ यह उन देशभक्त सैनिकों का भी प्रतीक है, जिन्होंने देश की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए अपनी जान गंवा दी।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation