भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने EOS (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) मिशन के तहत अपने छोटे सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) से श्रीहरिकोटा से EOS-08 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लांच कर दिया है. 175 किलोग्राम वजनी यह सैटेलाइट अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट का हिस्सा है. इसके साथ ही एक छोटा सैटेलाइट SR-0 DEMOSAT भी पैसेंजर सैटेलाइट भी रॉकेट के साथ भेजा गया है.
EOS-08 सैटेलाइट के लांच की घोषणा इसरो की ओर से पहले ही कर दी गयी थी. बता दें की इसरो अपने पहले गगनयान मिशन पर भी तेजी काम कर रहा है. EOS-08 सैटेलाइट धरती से 475 km की ऊंचाई पर धरती का चक्कर लगाएगा.
➡️ @isro launches Earth Observation Satellite EOS-08
— PIB India (@PIB_India) August 16, 2024
➡️ The primary objectives of the EOS-08 mission include designing and developing a microsatellite, creating payload instruments compatible with the microsatellite bus, and incorporating new technologies required for future… pic.twitter.com/uOt0k9V2OH
ISRO प्रमुख ने क्या कहा:
ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने भी इस बात की पुष्टि की कि इंजेक्शन कंडीशन्स में कोई भी विचलन नहीं हुआ. उन्होंने कहा, "ट्रैकिंग के बाद लास्ट ऑर्बिट का पता लग पायेगा, लेकिन वर्तमान संकेत के अनुसार सब कुछ बिल्कुल सही है. EOS-08 सैटेलाइट और SR-08 सैटेलाइट को भी मैन्युवर्स के बाद इंजेक्ट कर दिया गया है"
ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट करते हुए कहा, "SSLV का तीसरा विकासात्मक उड़ान सफल रहा. SSLV-D3 ने EOS-08 सटीक रूप से कक्षा में स्थापित कर दिया है."
EOS-08 सैटेलाइट के टेक हाईलाइट्स:
EOS-08 सैटेलाइट में X-band डेटा ट्रांसमिशन को pulse shaping और Frequency Compensated Modulation (FCM) के साथ शामिल किया गया है.
इसका बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम SSTCR आधारित चार्जिंग और बस रेगुलेशन का उपयोग करता है. TM-TC सिस्टम CDMA और Direct PSK मोड्स को सपोर्ट करता है, जिसमें मिनिएचराइज्ड फिल्टर्स शामिल हैं.
सैटेलाइट में स्वदेशी सोलर सेल फैब्रिकेशन, Nano-Star Sensor, वाइब्रेशन कंट्रोल के लिए रिएक्शन व्हील आइसोलेटर्स और TTC और SPS एप्लिकेशंस के लिए एकल एंटेना इंटरफेस का उपयोग किया गया है.
EOS-08 मिशन का क्या है उद्देश्य:
ईओएस-08 मिशन में ले जाए गए उपग्रहों का वजन 175.5 किलोग्राम है. ईओएस-08 मिशन के उद्देश्यों में माइक्रोसेटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना शामिल है.
ईओएस-08 में तीन पेलोड लगे हैं।इनमें इलेक्ट्रो आप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (ईओआइआर), ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (जीएनएसएस-आर) और सीआइसी यूवी डोसीमीटर शामिल हैं.
EOS-08 सैटेलाइट Communication, Baseband, Storage, और Positioning (CBSP) पैकेज के एकीकरण के साथ महत्वपूर्ण उन्नत तकनीक से लैस है. साथ इसके कुछ फीचर नीचे दिए गए है-
- एकीकृत एवियोनिक्स सिस्टम
- उच्च गति डेटा प्रोसेसिंग क्षमताएं
- उन्नत भंडारण समाधान
EOS मिशन:
EOS-08, EOS मिशन के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है. नवंबर 2020 में लॉन्च किया गया EOS-01 अभी भी कक्षा में है. भारत अंतरिक्ष अन्वेषण के एक नए युग में कदम रख रहा है. EOS मिशन के तहत के तहत भारत धरती की निगरानी के लिए अपना खुद का सिस्टम विकसित करने की दिशा के आखिरी चरण में है.
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