सदाबहार वन ऐसे पेड़ों और झाड़ियों का समूह है जो तटीय खारा या खारे पानी में बढ़ता है। यह दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं, मुख्य रूप से 25° N और 25° S अक्षांश के बीच। इन क्षेत्रो के पेड़-पौधो में जटिल नमक निस्पंदन प्रणाली और जटिल जड़ प्रणाली होती है जो खारे पानी के विसर्जन और लहर क्रिया से बचाती है। इस लेख में हम भारत के सदाबहार वन क्षेत्रो की सूची रहे हैं जिसका प्रयोग विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अध्ययन सामग्री के रूप में किया जा सकता है।
भारत के सदाबहार वन क्षेत्रो की सूची
सदाबहार वन क्षेत्र | राज्य / केंद्र शासित प्रदेश |
सुंदरबन | पश्चिम बंगाल |
भितरकनिका महानदी सुबर्णरेखा देवी-कौड़ा धामरा मैंग्रोव आनुवंशिक संसाधन केंद्र चिल्का | उड़ीसा |
कोरिंग पूर्व गोदावरी कृष्णा | आंध्र प्रदेश |
उत्तर अंडमान निकोबार | अंडमान एवं निकोबार |
पिचावरम मुथुपेट रामनाद पुलिकट कुज्नुवेली | तमिलनाडु |
वेम्बानाड कन्नूर (उत्तरी केरल) | केरल |
कुनापुर दक्षिण कन्नड़ / हन्नावर कारवार मैंगलोर वन डिवीजन | कर्नाटक |
गोवा | गोवा |
अचरा-रत्नागिरी देव गढ़-विजय दुर्ग वेलदुर कुंदालिका-रेवद्नाडा मुंब्रा-दिवा विकरोली श्रीवर्धन वैतारना वसई-मनोरी मालवन | महाराष्ट्र |
कच्छ की खाड़ी खंभात की खाड़ी डुमस-उभरात | गुजरात |
उपरोक्त सूची पाठकों के सामान्य ज्ञान की बढ़ोतरी में सहायक होगा क्योंकि इसमें हमने भारत के सदाबहार वन क्षेत्रो के नाम दिए हैं जिसका प्रयोग विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अध्ययन सामग्री के रूप में किया जा सकता है।
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