आर्द्रभूमि, वह भूमि है जो स्थलीय और जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों में जहां पानी का तल प्रायः जमीन की सतह पर या जमीन की सतह के पास है या जहां जमीन उथले पानी के द्वारा ढकी रहती है, के बीच संक्रमित होती रहती है।" आर्द्रभूमियों पर सम्मेलन, रामसर, ईरान में 1971 में हस्ताक्षरित एक अंतरसरकारी संधि है, जो आर्द्रभूमियों और उनके संसाधनों के संरक्षण और युक्तिसंगत उपयोग के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की रूपरेखा प्रदान करती है । वर्तमान में सम्मेलन के 158 करार दल हैं , कुल 161 मिलियन हेक्टेयर में फेली 1758 आर्द्रभूमि क्षेत्र है, जो रामसर की अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि सूची में शामिल करने के लिए नामित है । रामसर सम्मेलन किसी विशेष पारिस्थितिकी तंत्र से सम्बंधित अकेली वैश्विक वातावरण संधि है।
इस लेख में हम भारत में रामसर नामित आर्द्रभूमि की सूची दे रहे हैं जिसका प्रयोग विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अध्ययन सामग्री के रूप में किया जा सकता है।
भारत में रामसर नामित आर्द्रभूमि की सूची
रामसर नामित आर्द्रभूमि स्थल | स्थान |
अष्टमुडी आर्द्रभूमि सस्थमकोट्टा झील वेम्बनाड-कोल आर्द्रभूमि | केरल |
भितरकनिका मैंग्रोव | उड़ीसा |
भोज आर्द्रभूमि | मध्य प्रदेश |
चंद्र ताल पोंग बांध झील रेणुका आर्द्रभूमि | हिमाचल प्रदेश |
चिलिका झील | उड़ीसा |
दीपोर बील | असम |
पूर्वी कोलकाता की आर्द्रभूमि | पश्चिम बंगाल |
हरिकेक आर्द्रभूमि कंजली आर्द्रभूमि रोपड़ | पंजाब |
होक्सार आर्द्रभूमि सुरिंदर-मंसार झील त्सोमोरिरी वूलर झील | जम्मू और कश्मीर |
नलसरोवर पक्षी अभयारण्य | गुजरात |
कोल्लेरू झील | आंध्र प्रदेश |
लोकतक झील | मणिपुर |
पॉइंट कैलीमेयर वन्यजीव और पक्षी अभयारण्य | तमिलनाडु |
रुद्र सागर झील | त्रिपुरा |
सांभर झील | राजस्थान |
ऊपरी गंगा नदी (ब्रजघाट से नरोरा तक) | उत्तर प्रदेश |
उपरोक्त सूची में भारत में रामसर नामित आर्द्रभूमि के नाम दिये गए हैं जिसका प्रयोग विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अध्ययन सामग्री के रूप में किया जा सकता है।
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