गर्मियों के मौसम में आम सबसे ज्यादा खाए जाने वाले फलों में से एक है। आम विभिन्न प्रकार के होते हैं और उनके नाम भी अलग-अलग होते हैं। उन्हीं में से एक और नाम बेहद ही प्रसिद्ध है और वह है लंगड़ा आम। इसका नाम चाहे जितना भी अजीब क्यों न हो, लेकिन लंगड़ा आम खाने में बेहद ही मीठा और रसदार होता है। हालांकि यह नाम इतना अजीब है कि कई बार लोग इसका मजाक भी उड़ाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि इसका नाम लंगड़ा आम क्यों पड़ा। आज हम आपको बताएंगे कि लंगड़ा आम का नाम आखिर लंगड़ा क्यों पड़ा?
कैसे पड़ा लंगड़ा आम
कहा जाता है कि करीब 300 साल पहले बनारस (वाराणसी) में एक मंदिर में पुजारी और साधु रहते थे। पुजारी दिव्यांग थे, जिस कारण सभी उन्हें लंगड़ा पुजारी कहते थे। एक दिन साधु ने लंगड़ा पुजारी को आम के बीज दिए और मंदिर में इसे उगाने को कहा। साथ ही उन्होंने आदेश दिया कि इस पेड़ पर फल आने के बाद सबसे पहले भगवान को प्रसाद चढ़ाया जाए और फिर भक्तों में बांटा जाए।
पंडित ने आम का बीज लगाया और समय के साथ आम का पौधा पेड़ में बदल गया। आम का मीठा और खुशबूदार स्वाद सभी को पसंद आता था और धीरे-धीरे यह पूरे बनारस में मशहूर हो गया। लेकिन इसका नाम कोई नहीं जानता था। ऐसे में पुजारी के नाम पर इसका नाम लंगड़ा आम रखा गया। आज यह आम पूरे देश में काफी पसंद किया जाता है और सेहत के लिए भी कई फायदे देता है।
क्या है लंगड़ा आम के फायदे
लंगड़ा आम पोषण से भरपूर होता है। इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और मैग्नीशियम समेत कई तत्व पाए जाते हैं। लंगड़ा आम सेहत के लिए भी फायदेमंद है। फाइबर के कारण यह पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है और कब्ज और गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार है।
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