अनोखी जगह, जहां सूरज पश्चिम में उदय व पूर्व में होता है अस्त, यहां जानें

यह ब्राह्मांड अद्भुत चीजों और घटनाओं से भरा हुआ है, जो कि वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय है। यही वजह है कि समय-समय पर दुनियाभर के वैज्ञानिक देश-दुनिया और ब्राह्मांड के रहस्यों से पर्दा उठाते रहते हैं। इस कड़ी में हम इस लेख के माध्यम से ब्राह्मांड की ऐसी जगह के बारे में जानेंगे, जहां सूरज पश्चिम में उगता है और पूर्व में अस्त होता है। कौन-सी है यह जगह, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

Aug 25, 2024, 15:56 IST
ऐसी जगह, जहां पश्चिम में उगता है सूरज
ऐसी जगह, जहां पश्चिम में उगता है सूरज

यह ब्राह्मांड अद्भुत चीजों और घटनाओं से भरा हुआ है, जो कि वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय है। यही वजह है कि समय-समय पर दुनियाभर के वैज्ञानिक देश-दुनिया और ब्राह्मांड के रहस्यों से पर्दा उठाते रहते हैं।

यह बात हम सभी जानते हैं कि सूरज पूर्व दिशा से उदय होता है, जबकि यह पश्चिम में अस्त होता है। हालांकि, एक जगह ऐसी भी है, जहां सूरज के उदय और अस्त होने की दिशा बदल जाती है। इस कड़ी में हम इस लेख के माध्यम से हम ब्राह्मांड की ऐसी जगह के बारे में जानेंगे, जहां सूरज पश्चिम में उगता है और पूर्व में अस्त होता है। कौन-सी है यह जगह, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

क्या है सूरज का महत्त्व

सबसे पहले हम सूरज के महत्त्व के बारे में जान लेते हैं। आपको बता दें कि सूरज हमारे सौर मंडल का केंद्र है। यह धरती के लिए ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है, जो कि पौधों के लिए प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया में सहायक है। इस प्रक्रिया के माध्यम से पौधे भोजन और ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं, जिससे सभी जीवित प्राणी सांस लेते हैं।

दूसरी तरफ, यह मौसम और जलवायु को भी प्रभावित करता है। इससे गर्मी, सर्दी और बारिश जैसी प्राकृतिक घटनाओं को घटने में मदद मिलती है। साथ ही, यह विटामीन-डी का भी प्रमुख स्रोत है, जो कि हड्डियों के लिए आवश्यक है।

सूरज की किरणों से समुद्र का पानी गर्म होता है और इससे समुद्री धाराएं बनती हैं, जिससे समुद्र की जैव विविधता को बल मिलता है। वहीं, सौर ऊर्जा उत्पादन में भी इसका अधिक महत्त्व है और दूसरी तरफ इसका धार्मिक महत्त्व भी कम नहीं है। दुनिया के अलग-अलग धर्मों में सूरज को देवता के रूप में पूजा जाता है।

पूर्व में उदय और पश्चिम में अस्त होता है सूरज

हमारी दुनिया में सूरज सामान्य तौर पर पूर्व से उदय होता है और पश्चिम में अस्त होता है। यह प्रक्रिया हमें धरती के अपनी धुरी पर एक निश्चित गति के साथ निश्चित अवधि में घूमने की वजह से देखने को मिलती है, जिससे पृथ्वी पर दिन और रात होता है। 

यहां पश्चिम में उगता है सूरज 

अब सवाल है कि आखिर वह कौन-सी जगह है, जहां सूरज पश्चिम में उगता है ? आपको  बता दें कि हमारे ग्रहों में मौजूद शुक्र ग्रह पर सूरज पश्चिम में उगता है और पूर्व में अस्त होता है। 

उल्टी दिशा में क्यों उगता है सूरज

दरअसल, शुक्र ग्रह अन्य ग्रहों की तुलना में उल्टी दिशा में अपनी धुरी पर चक्कर काट रहा है। ऐसे में यहां सूर्योदय की दिशा पश्चिम हो जाती है, जबकि सूर्यास्त की दिशा पूर्व हो जाती है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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