Deepafake: अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के बाद प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें संदिग्ध व्यक्तियों को ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में फंसाया जा रहा है. वीडियो में टाटा को एक ऑनलाइन सट्टेबाजी कोच का समर्थन करते हुए और लोगों को आमिर खान नाम के व्यक्ति द्वारा चलाए जा रहे टेलीग्राम चैनल से जुड़ने के लिए कहते हुए दिखाया गया है.
इससे पहले सोशल मीडिया पर अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक वीडियो वायरल हुआ था. इंटरनेट पर वायरल यह वीडियो फेक (Deepafake) था. दरअसल इस वीडियो को लेकर मेगा स्टार अमिताभ बच्चन ने भी चिंता जताई थी. सरकार ने भी डीपफेक फोटो-वीडियो से निपटने के लिए गंभीर है.
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘डीपफेक’ को लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि कि सरकार इससे निपटने के लिए जल्द ही नए नियम लाएगी. इस सम्बन्ध में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के प्रतिनिधियों से मुलाकात भी की है.
चलिये जानते है आखिर डीपफेक टेक्नोलॉजी क्या होता है, और इसे कैसे तैयार किया जाता है, साथ ही यह भी जानेंगे की इस आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी (AI) से बनने वाले नकली कंटेंट से कैसे बचा जा सकता है.
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— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) November 5, 2023
क्या है डीपफेक (Deepafake):
21वीं सदी में आने वाली यह आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी (Deepfake AI Technology) ने लोगों को काफी प्रभावित किया है. डीपफेक वह टेक्नोलॉजी है जिससे रियल वीडियो में दूसरे के चेहरे को फिट कर फेक वीडियो बनाया जाता है और जो रियल लगता है. इसे तैयार करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी की मदद ली जाती है. इसे डीप लर्निंग भी कहा जाता है. इसके तहत किसी की फोटो या वीडियो को फेक में बदल दिया जाता है.
क्यों आया चर्चा में:
इस डीपफेक टेक्नोलॉजी का उपयोग करके मशहूर अभिनेत्री की एक फेक वीडियो बनायीं गयी जिस कारण यह चर्चा में आया था. इस वायरल वीडियो में मंदाना का चेहरा ब्रिटिश-भारतीय महिला ज़ारा पटेल के साथ बदल दिया गया था जिसे लोग रियल मानने लगे थे.
डीपफेक पर सरकार भी सख्त:
इस वायरल वीडियो के बाद सरकार की ओर से भी बयान जारी किया गया है. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले सभी डिजिटल नागरिक की सुरक्षा और भरोसे को सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि डीपफेक लेटेस्ट और सबसे खरतनाक और इससे डील करने की जरूरत है.
PM @narendramodi ji's Govt is committed to ensuring Safety and Trust of all DigitalNagriks using Internet
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) November 6, 2023
Under the IT rules notified in April, 2023 - it is a legal obligation for platforms to
➡️ensure no misinformation is posted by any user AND
➡️ensure that when reported by… https://t.co/IlLlKEOjtd
ओबामा और जुकरबर्ग भी हो चुके है शिकार:
अधिकांश डीपफेक वीडियो अश्लील प्रकृति के होते है. साथ ही इसका उपयोग लोगों को झूठा बताने और राजनेताओं की डिजिटल रूप से परिवर्तित क्लिप भी वायरल की जाती है. कुछ साल पहले, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को व्यापक रूप से प्रसारित एक डीपफेक वीडियो में डोनाल्ड ट्रम्प को पूरी तरह से मूर्ख कहते हुए देखा गया था.
इसी तरह, मेटा प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को ऐसे ही एक अन्य वीडियो में "अरबों लोगों के चुराए गए डेटा पर पूर्ण नियंत्रण" होने का दावा करते देखा गया था.
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