भारतीय रेल कोच पर अंकित संख्याओं का क्या अर्थ है?
तकरीबन 164 साल पहले, 16 अप्रैल 1853 को भारतीय रेलवे ने अपनी सेवाएं शुरू की थी और पहली ट्रेन मुंबई से थाने तक 33 किलोमीटर की दूरी तय की थी। इस ट्रेन में 14 कोच थे और जब ट्रेन 400 मेहमानों के साथ सुबह 3:30 बजे बोरी बंदर पहुंची तब उस दिन को सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया गया था l
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1951 में भारतीय रेलवे को राष्ट्रीयकृत किया गया था और यह आज एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है और एक ही प्रबंधन के तहत संचालित दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क हैl
हम सब जानतें है कि इतना बड़ा नेटवर्क होने के साथ-साथ भारतीय ट्रेनों में बहुत सारे कोच होते है और इन पर कुछ संख्या अंकित होती है, परन्तु क्या आपने कभी सोचा है कि ये नंबर क्या बताते हैंl
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भारतीय रेल कोच पर अंकित संख्याओं का क्या अर्थ है?
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- कोच पर आमतौर से 4, 5 या 6 अंकों की संख्याएं अंकित होती है, जिसमें से पहले दो अंक निर्माण वर्ष को दर्शाते हैंl उदाहरण के लिए, 8439- जिसका अर्थ है 1984 में निर्मित, 04052- जिसका अर्थ है 2004 में निर्मित, या फिर 92132- जिसका अर्थ है 1992 में निर्मित कोच l
- कुछ मामलों में पहले दो अंक उस वर्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसमें कोच को क्षेत्रीय रेलवे में स्थानांतरित किया गया था और कभी-कभी उस वर्ष का प्रतिनिधित्व भी करते हैं जिस वर्ष कोच को फिर से बनाया गया था। लेकिन उत्तर रेलवे की कुछ राजधानी गाड़ियों के कोचों पर अंकित संख्या इस पैटर्न पर आधारित नहीं हैंl उन गाड़ियों के कोच पर 2951/2 या 2953/4 इत्यादि संख्या अंकित होती हैं।
- कुछ कोच पर संख्याओं के वर्णों के रूप में प्रत्यय भी दिखाई दे सकते हैं। इस प्रक्रिया के तहत 3, 4 या 5 अंकीय सीरियल नंबर वाले कई पुराने कोचों को पुन: नामित किया गया है। अक्सर रेलवे जोन को प्रदर्शित करने के लिए उसके संक्षिप्त नाम को प्रत्यय की तरह प्रयोग किया जाता हैl उदाहरण के लिए किसी कोच का नंबर 'ER 89472A' या 'SE978052A' भी हो सकता है।
- 2000 के बाद से, निर्माण वर्ष के रूप में '00', '01', आदि को कोच पर शुरूआती संख्या के रूप में दर्शाया जाता है। कभी-कभी, रेलवे जोन को प्रदर्शित करने के लिए उसके संक्षिप्त नाम को उपसर्ग के रूप में प्रयोग किया जाता हैl उदाहरण के लिए,'SK 01252 AB' जहां 'SK'उस कोच को इंगित करता है जिसकी देखभाल संयुक्त रूप से दक्षिण मध्य रेलवे और कोंकण रेलवे द्वारा किया जाता हैl
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आइये आखिर के तीन नम्बरों के बारें में विस्तार से जानते हैं l
001-025: एसी प्रथम श्रेणी (AC first class)। एनईआर (NER) पर, 2000/2001 के कुछ निर्मित डिब्बें या कोच
026-050: समग्र 1 एसी + एसी -2 टी (Composite 1AC + AC-2T)
051-100: एसी -2 टी (AC-2T) यानी 2 टियर एसी
101-150: एसी -3 टी (AC-3T) यानी 3 टियर एसी
151-200: सीसी (एसी चेयर कार) CC (AC Chair Car)
201-400: एसएल (द्वितीय श्रेणी स्लीपर) SL (2nd class sleeper)
401-600: जीएस (सामान्य द्वितीय श्रेणी) GS (General 2nd class)
601-700: 2 एस (द्वितीय श्रेणी सिटींग / जन शताब्दी चेयर कार) 2S (2nd class sitting/Jan Shatabdi chair cars)
701-800: एसएलआर SLR (Seating cum Luggage Rake)
801+: पैंट्री कार, वीपीयू, आरएमएस मेल कोच, जनरेटर कार आदि।
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अब अगर हम दिए गए कोच के नंबर को देखे :
8439 – यह कोच 1984 में निर्मित हुआ था, 39 का मतलब समग्र 1 एसी + एसी -2 टियर कोच
04052 - यह कोच 2004 में निर्मित हुआ था और 052 का मतलब एसी -2 टियर हैl
92132 - यह कोच 1992 में निर्मित हुआ था और 132 का मतलब एसी -3 टियर है l
कोच को आईसीएफ ICF (Integral coach factory) और आरसीएफ RCF (Rail Coach factory) में निर्मित किया गया था। हाल ही में आधुनिक कोच फैक्टरी में निर्माण करने की भी योजना बन रही हैं ।
नीचे दी गई छवि में 04052 नंबर की दाईं ओर डब्ल्यू सी आर (WCR)लिखा है। इसके अलावा एस आर (SR) भी लिखा होता है, इनका क्या मतलब है?
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- डब्ल्यू सी आर (WCR) का मतलब है कि इस कोच को पश्चिम मध्य रेलवे को आवंटित किया गया है।
- ईआर (ER) का मतलब पूर्वी रेलवे और एनएफ (NF) का मतलब उत्तरी-सीमान्त, SR का मतलब दक्षिण रेलवे है।
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