हाल ही में हरियाणा राज्य में गवाह संरक्षण योजना को लागू किया गया है। हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब गवाह और आरोपी का आमना-सामना नहीं होगा। साथ ही, गवाह को पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान की जाएगी। भारत में गवाहों के संरक्षण के लिए इस तरह की योजना है। हालांकि, जानकारी के अभाव में कई लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा पाते हैं। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम इस योजना के बारे में जानेंगे।
क्या होता है गवाह
गवाह वह व्यक्ति होता है, जिसके पास कोई जानकारी या दस्तावेज होता है, जिसे सुबूत के तौर पर किसी आपराधिक मामले में इस्तेमाल किया जा सकता है।
क्या है गवाह संरक्षण योजना
गवाह संरक्षण योजना में गवाहों को सुरक्षा के पूर्ण आश्वासन के साथ न्यायिक व प्रवर्तन अधिकारियों की मदद करने के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस योजना के तहत गवाहों व उनके परिवार के सदस्यों को उनके जीवन, प्रतिष्ठा और संपत्ति के खतरों से बचाने के उपायों की पहचान की जाती है।
आपको बता दें कि महेंद्र चावला बनाम भारत संघ(2018) के सर्वोच्च न्यायालय के मामले में शीर्ष न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस योजना को कानूनी रूप से लागू करने के लिए कहा था।
किन गवाहों पर लागू होती है यह योजना
गवाह संरक्षण योजना को ऐसे अपराध की गवाह में लागू होती है, जिसमें कम से कम 7 वर्ष का कारावास या आजीवन कारावास या मृत्युदंड हो। इसके अतिरिक्त यौन अपराध, जिसमें पीछा करना व यौन उत्पीड़न आदि शामिल है।
तीन तरह की होती है गवाहों की श्रेणी
योजना के तहत खतरे का आकलन करते हुए गवाहों की सुरक्षा प्रदान की जाती है। ऐसे में गवाह द्वारा सुरक्षा के लिए आवदेन करने पर एक पुलिस अधिकारी खतरे की गंभरीता व विश्वसनीयता का आकलन करता है। इस आधार पर एक विश्लेषण रिपोर्ट तैयार की जाती है। रिपोर्ट में खतरे के बारे में बताने के साथ-साथ धमकी देने वाले के आरोपी के बारे में बताया जाता है। ऐसे में गवाह को तीन अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है।
श्रेणी 'A': इस श्रेणी में उन गवाहों को रखा जाता है, जिन्हें यदि जांच या परीक्षण के दौरान या उसके बाद स्वयं व स्वयं के परिवार के सदस्यों के जीवन को खतरा हो।
श्रेणी 'B': इस श्रेणी में उन गवाहों को रखा जाता है, जिन्हें यदि खतरा जांच या परीक्षण के दौरान या उसके बाद खुद के लिए व परिवार के सदस्यों की सुरक्षा, प्रतिष्ठा या संपत्ति का खतरा हो।
श्रेणी 'C': यह अंतिम श्रेणी है, जिसमें धमकी मध्यम प्रकृति की होती है। इसमें जांच या परीक्षण के दौरान या उसके बाद गवाह या गवाह के परिवार के सदस्यों को परेशान या फिर डराया जाता है।
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