भारत में 200 से अधिक प्रमुख नदियां हैं, जो कि अपनी अविरल धारा के साथ विभिन्न राज्यों से सफर करते हुए पूर्वी दिशा में स्थित बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं, जबकि कुछ नदियां पश्चिम की दिशा में अरब सागर में जाकर मिल जाती है। भौगोलिक रूप से महत्व होने के साथ धार्मिक रूप से भी नदियों का महत्व है, जिसके तहत यह लोगों की आस्था का केंद्र हैं। प्रत्येक नदी की अपनी एक जैव विविधता होती है, जिसके तहत इसमें विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं को जीवन मिलता है। वहीं, नदियों के आसपास की मिट्टी भी उपजाऊ होती है। यही वजह है कि नदी किनारे खेती भी की जाती है, जिससे अधिक नमी वाली फसलों को पोषण मिलता रहे। हालांकि, क्या आपको भारत की सबसे लंबी नदी के बारे में पता है। इस लेख के माध्यम से हम भारत की सबसे लंबी नदी के बारे में जानेंगे।
भारत में प्रमुख नदियों के स्त्रोत
भारत में कुछ प्रमुख नदियों के स्त्रोत की बात करें, तो ये अलग-अलग हैं। कुछ नदियां हिमालय और कराकोरम रेंज से निकलती हैं। वहीं, कुछ नदियों का उद्गम स्थल छोटा नागपुर पठार और विंध्या व सतपुरा रेंज हैं। इसके अलावा कुछ नदियों का स्त्रोत पश्चिमी घाट है। इन सब जगहों से निकलने से वाली नदियां अरब सागर या फिर बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती हैं।
भारत की सबसे लंबी नदी
भारत की सबसे लंबी नदी Indus River यानि सिंधु नदी है, जिसकी कुल लंबाई 3180 किलोमीटर है। हालांकि, भारत में यह 1114 किलोमीटर का रास्ता तय करती है। यह नदी एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है, जो कि चीन के तिब्बत, भारत के लद्दाख और पाकिस्तान से होकर बहती है।
कहां से निकलती है सिंधु नदी
सिंधु नदी का उद्गम स्थल चीन में तिब्बत के मानसरोवर के नजदीक सिन-का-बाब जलधारा को माना जाता है। यहां से निकलने के बाद यह तिब्बत और कश्मीर के बीच बहते हुए पाकिस्तान में प्रवेश कर जाती है। यह नदी पाकिस्तान की सबसे लंबी नदी भी है। पाकिस्तान में अपना सफर पूरा करने के बाद यह नदी अरब सागर में जाकर मिल जाती है।
कौन सी हैं सहायक नदियां
सिंधु नदी की सहायक नदियों की बात करें, तो इसकी प्रमुख सहायक नदी चेनाब, रावी, ब्यास, सतलुज और झेलम है। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर का प्रमुख शहर श्रीनगर भी झेलम नदी के किनारे बसा शहर है। इसके अलावा गिलगिट, काबुल, कुर्रम, स्वात, टोची, गोमल और संगर भी इसकी सहायक नदियां हैं। मार्च में बर्फ पिघलने की वजह से इसके जलस्तर में अधिक बढ़ोतरी देखी जाती है, वहीं सितंबर से इसका जलस्तर कम हो जाता है। इसके अलावा सक्खर में सिंधु नदी पर लॉयड बांध भी बना है, जिसके माध्यम से 50 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई होती है।
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