भारत में छोटी-बड़ी मिलाकर कुल 200 प्रमुख नदियां हैं। ये नदियां सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से भी लोगों से जुड़ी हुई हैं। वहीं, प्राचीन काल से ही नदियां पानी के स्त्रोत का प्रमुख साधन रही हैं।
यही वजह है कि पुराने समय में बड़े-बड़े किलों को नदियों के किनारे बनाया जाता था। आपने विभिन्न नदियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा, हालांकि क्या आपको भारत की सबसे गहरी नदी के बारे में जानकारी है। इस लेख के माध्यम से हम भारत की सबसे गहरी नदी के बारे में जानेंगे।
कौन सी है भारत की सबसे गहरी नदी
भारत की सबसे गहरी नदी ब्रह्मपुत्र नदी है, जो कि भारत की प्रमुख नदियों में से एक है। यह नदी तिब्बत, भारत और बांग्लादेश में होकर बहती है और अंत में बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है।
ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बत में सांपो, अरुणाचल प्रदेश में डिहं और असम में ब्रह्मपुत्र नदी के रूप में जाना जाता है। वहीं, यह नदी बांग्लादेश में जमुना के नाम से जानी जाती है। आपको बता दें कि इस नदी का सबसे गहरा प्वाइंट असम के तिनसुकिया में पड़ता है।
कहां से होता है उद्गम
ब्रह्मपुत्र नदी के उद्गम स्थल की बात करें, तो यह हिमालय के उत्तर में तिब्बत के पुरंग जिले में स्थित मानसरोवर झील से निकलती है।
यहां पर इस नदी को यरलुंग त्संगपो कहा जाता है। यह नदी तीन देशों से होकर गुजरती है।
भारत में कहां से करती है प्रवेश
तिब्बत से बहते हुए यह नदी अरूणाचल प्रदेश राज्य से भारत में प्रवेश करती है। यहां असम की घाटी में बहते हुए आगे बढ़ती है, जहां इसे ब्रह्मपुत्र नदी के नाम से जाना जाता है।
कितनी है गहराई और लंबाई
ब्रह्मपुत्र नदी सबसे लंबी बहने वाली नदियों में से एक है। इसकी कुल लंबाई लगभग 2900 किलोमीटर है। वहीं, इसकी औसत गहराई 124 फीट और अधिकतम गहराई 380 फीट यानि 115 मीटर तक है। इस वजह से यह भारत की सबसे गहरी नदी कहलाती है।
अलग-अलग नाम से जानी जाती है यह नदी
ब्रह्मपुत्र नदी अलग-अलग जगहों पर विभिन्न नामों से जानी जाती है। तिब्बत में इस नदी को सांपो, अरूणाचल प्रदेश में डिहं और असम में ब्रह्मपुत्र नदी के रूप में जानते हैं। अरूणाचल प्रदेश में जहां से नदी प्रवेश करती है, वहां इसे सियांग कहकर भी बुलाते हैं।
इसके बाद यह पहाड़ों को छोड़कर मैदानी इलाकों में दाखिल होती है, जहां इसे दिहांग के नाम से भी जाना जाता है। असम के कुछ जगहों पर इस नदी की अधिक चौड़ाई भी देखने को मिलती है।
कुछ जगहों पर यह चौड़ाई 10 किलोमीटर तक है। आगे चलकर यह डिब्रूगढ़ और लखीमपुर के बीच दो भांगों में बट जाती है, जहां से मजुली द्वीप का निर्माण होता है, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप भी है।
वहीं, बांग्लादेश में यह जमुना के रूप में दक्षिण भाग में बहती है और गंगा की मूल धारा यानि पद्मा के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी तक का सफर पूरी करती है। आपको बता दें कि गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी मिलकर मेघना नदी बन जाती है, जिसकी प्रमुख सहायक नदी बराक है।
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