भारत के किस राज्य को कहा जाता है चावल की घाटी, यहां जानें

भारत में अलग-अलग राज्यों की अपनी पहचान है। इस कड़ी में कुछ राज्यों को उनके उपनाम भी दिए गए हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि किस राज्य को चावल की घाटी की रूप में भी जाना जाता है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

Dec 9, 2024, 18:23 IST
भारत में चावल की घाटी
भारत में चावल की घाटी

भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां वर्तमान में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी विशेषता है। इनकी संस्कृति, परंपराएं और गौरवशाली इतिहास इन्हें विशेष बनाने का काम करती है।

इस कड़ी में कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपनाम भी दिए गए हैं, जिससे एक अलग पहचान स्थापित हो। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत के किस राज्य को चावल की घाटी के रूप में भी जाना जाता है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।

किस राज्य को कहा जाता है चावल की घाटी

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भारत में किस राज्य को चावल की घाटी कहा जाता है। आपको बता दें कि भारत के उत्तर-पूर्व में स्थित सिक्किम राज्य को चावल की घाटी भी कहा जाता है।

क्यों कहा जाता है चावल की घाटी 

सिक्किम राज्य अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है। यहां खूबसूरत वादियों के साथ-साथ कृषि का भी महत्त्व है। राज्य में सबसे अधिक चावल की कृषि होती है, जिस वजह से इसे चावल की घाटी के रूप में भी जानते हैं।

नाम का क्या है सांस्कृतिक महत्त्व

सिक्किम राज्य को अलग-अलग संस्कृति में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। उदाहरण के तौर पर देखें, तो यहां भूटिया जाति के लोग इसे बेयूल डेमोंजोंग के नाम से पुकारते हैं, जिसका अर्थ चावल की छिपी हुई घाटी होता है। वहीं, तिब्बत में इसे ड्रेनजांग के नाम से जानते हैं, जिसका अर्थ चावल की घाटी होता है।   

सिक्किम में क्यों होता है चावल का अधिक उत्पादन

चावल की खेती के लिए अधिक नमी वाले वातावरण की जरूरत है। साथ ही, इसकी कृषि में पानी भी अधिक चाहिए होता है। तापमान की बात करें, तो इसे 21 से 42 डिग्री सेल्सियस तक तापमान चाहिए होता है। ऐसे में अनुकूल वातावरण होने के कारण यहां चावल का अधिक उत्पादन होता है। 

आर्थिक रूप से भी है महत्त्वपूर्ण

सिक्किम में चावल की कृषि आर्थिक रूप से भी महत्त्वपूर्ण है। यहां अधिकांश किसान चावल की खेती में  लगे हुए हैं, जिससे एक तरफ लोगों के पास जीवनयापन का साधन बना है, तो दूसरी तरफ फसल के उत्पादन से आर्थिक विकास के पहिये को रफ्तार मिली है। 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

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