दुनिया में विभिन्न प्रकार के जीव मौजूद हैं। जैव विविधता में होने के साथ पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाए रखने में अलग-अलग प्रकार के जीवों का अधिक महत्व है। इनमें पक्षियों का भी विशेष महत्व है।
दुनिया में पक्षियों की कुल प्रजातियां 9,000 से अधिक हैं, जिनमें से 1,000 से अधिक प्रजातियां भारत में मौजूद हैं। भारत में कुछ पक्षी स्थायी तौर पर रहते हैं, तो कुछ पक्षी अलग-अलग मौसम में प्रवासी पक्षी के तौर पर हजारों किलोमीटर का सफर कर यहां पर बसेरा डालने के लिए आते हैं।
हालांकि, क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि आकाश में उड़ते हुए पक्षी हमेशा V Shape में ही क्यों उड़ते हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
क्या है V Shape में उड़ने का कारण
पक्षियों के V Shape में उड़ने के पीछे अलग-अलग कारण बताए जाते हैं। इसे लेकर समय-समय पर वैज्ञानिकों ने शोध भी किया है, जिसके बाद निकलकर आया है कि इस तरह से उड़ने पर पक्षी आसानी से उड़ पाते हैं और वे आपस में टकराते नहीं हैं।
वहीं, इस आकार में उड़ने पर पक्षियों के झुंड में सबसे आगे वाला पक्षी बाकी पक्षियों को गाइड करता है।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक
लंदन कॉलेज के वेटरनरी कॉलेज के एक प्रोफेसर जेम्श उशरवुड के मुताबिक, यदि पक्षी इस तरह से उड़ते हैं, तो इससे हवा को काटना आसान हो जाता है।
इसके साथ ही अन्य पक्षियों को भी उड़ने में आसानी होती है। पक्षी जब उड़ना शुरू करते हैं, तो वह इस तरह की आदत में ढल जाते हैं, जिसके बाद वे इस तरह से उड़ना शुरू कर देते हैं।
यह भी है वैज्ञानिकों का तर्क
कुछ वैज्ञानिकों का यह भी तर्क है कि झुंड में आगे उड़ने वाला पक्षी बाकी पक्षियों को लीड करता है। ऐसे में बाकी पक्षी उसके पीछे-पीछे उड़ते हैं।
जब सबसे आगे वाला पक्षी थक जाता है, तो उसकी जगह कोई और पक्षी ले लेता है। इससे सभी पक्षी एक साथ झुंड में उड़ते हैं।
प्रवासी पक्षी अधिक अपनाते हैं V Shape
वैज्ञानिकों के मुताबिक, सबसे अधिक V Shape वे पक्षी अपनाते हैं, जो कि लंबी उड़ान भरते हैं। इसमें मुख्य रूप से प्रवासी पक्षी शामिल होते हैं, जो कि हजारों किलोमीटर की यात्रा कर देश-विदेश में पहुंचते हैं।
ऐसे में इस दौरान ये पक्षी इस तरह के आकार में रहते हैं और साथ में उड़ते हैं। साथ ही अपने एक लीडर के द्वारा आगे बढ़ते हैं।
पढेंः बिना पासपोर्ट किसी भी देश में जा सकते हैं दुनिया के ये तीन लोग, जानें
Comments
All Comments (0)
Join the conversation