Sadbhavana Diwas 2024: भारत में हर दिन खास होता है। इनमें से कुछ दिन इतिहास के पन्नों में अपने विशेष कारणों की वजह से दर्ज होते हैं। इस कड़ी में भारत में हर साल सद्भावना दिवस का आयोजन भी किया जाता है।
इस दिवस का आयोजन हर साल अगस्त में 20 तारीख को होता है। ऐसे में यहां यह जानना जरूरी है कि आखिर इस दिवस का आयोजन क्यों किया जाता है। साथ ही, इससे जुड़े मत्त्वपूर्ण तथ्यों पर भी गौर करेंगे।
Sadbhavana Diwas 2024: क्यों मनाया जाता है सद्भावना दिवस
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर इस दिवस के आयोजन के पीछे का कारण क्या है ? आपको बता दें कि इस दिवस का आयोजन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में किया जाता है, जो कि भारत को समृद्ध, एकजुट और शांतिपूर्ण बनाने के उन विचारों को याद करने के तौर पर मनाया जाता है।
Sadbhavana Diwas 2024: क्या है सद्भावना दिवस का इतिहास
अब हम सद्भावना दिवस के इतिहास के बारे में जान लेते हैं। सबसे पहला सद्भावना दिवस का आयोजन 20 अगस्त, 1992 में मनाया गया था। दरअसल, साल 1991 में भारत के सबसे कम उम्र वाले प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी।
उन्होंने साल 1984 में भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर पद संभाला था। इससे पहले उनकी माता इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं। राजीव गांधी को भारत को लेकर उनके प्रगतिशील विचारों के लिए याद किया जाता है।
उनका मानना था कि भारत का विकास यहां के नागरिकों के प्रयासों से भी जुड़ा हुआ है, न कि किसी जाति या भेदभाव के आधार पर भारत का विकास हो सकता है। ऐसे में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस व अन्य संस्थानों की ओर से इस दिवस का आयोजन किया जाने लगा।
Sadbhavana Diwas 2024: सद्भावना दिवस का क्या है महत्त्व
सद्भावना दिवस का अधिक महत्त्व है, क्योंकि यह विश्व शांति, राष्ट्रीय एकता और आंतरिक सद्भावना को दर्शाता है। यह भारत में किसी भी जाति, धर्म या लिंग से परे भारत के लिए एकजुट खड़े होने की भावना का दिन है। ऐसे में इस दिवस के मौके पर भारत के अलग-अलग भागों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसी तरह सामान्य अध्ययन से जुड़ा अन्य लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation