दुनिया में यातायात के कई साधन मौजूद हैं। इनमें यदि जमीन पर चलने वाले साधनों की बात करें, तो ट्रेन सबसे प्रमुख साधनों में से है। भारत में ही इसके करोड़ों यात्री हैं, जो कि अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिए प्रतिदिन रेलवे का इस्तेमाल करते हैं।
इस कड़ी में लोगों को समय पर उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए कई देश तेज रफ्तार वाली ट्रेनों पर जोर दे रहे हैं। भारत भी इस श्रेणी में शामिल है, जहां बुलेट ट्रेन चलाने पर जोर दिया जा रहा है।
वर्तमान में भारत में सबसे तेज चलने वाली ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस है, जो कि दिल्ली-भोपाल रूट पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ती है। वहीं, सबसे धीमी ट्रेन की बात करें, तो ऊटी-नीलगिरी ट्रेन सबसे धीमी ट्रेन है।
हालांकि, क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे धीमी ट्रेन कौन-सी है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस ट्रेन के बारे में जानेंगे।
यह है दुनिया की सबसे धीमी ट्रेन
दुनिया की सबसे धीमी ट्रेन ग्लेसियर एक्सप्रेस है, जो कि सिर्फ नाम से एक्सप्रेस है, लेकिन असल में यह बहुत धीमी है।
यह ट्रेन 290 किलोमीटर की दूरी करीब 10 घंटे में पूरी करती है। यही वजह है कि इस ट्रेन को दुनिया की सबसे धीमी ट्रेन भी कहा जाता है।
किस देश में चलती है सबसे धीमी ट्रेन
दुनिया की सबसे धीमी ट्रेन ग्लेसियर एक्स्प्रेस स्वीट्जरलैंड की ऊंची पहाड़ियों पर चलती है, जो कि जेरमार्ट और सेंट मॉरिट्ज स्टेशन को आपस में जोड़ने का काम करती है।
कब हुई थी ट्रेन की शुरुआत
इस ट्रेन की शुरुआत की बात करें, तो यह ट्रेन सबसे पहले 1930 में चलाई गई थी। शुरुआत में इसमें यात्रियों की संख्या कम होती थी।
वहीं, इस ट्रेन में यात्रियों को अधिक सुविधा भी नहीं मिलती थी, लेकिन समय के साथ-साथ इसमें यात्री डिब्बों की संख्या बढ़ाई गई, जिससे इसमें सफर करने वाले यात्री भी बढ़े।
करीब 300 सुरंगों से गुजरती है ट्रेन
दुनिया की सबसे धीमी ट्रेन अपने पूरे सफर के दौरान प्रकृति की गोद में सुंदर वादियों से गुजरती है। इस दौरान यह 90 से अधिक सुरंगों और करीब 300 पुलों से होकर अपना सफर पूरा करती है।
यही वजह है कि प्रकृति की गोद का सुंदर नजारा देखने के लिए इस ट्रेन में सफर करने के लिए दूर-दूर से सैलानी पहुंचते हैं।
यात्रियों को मिलती है यह सुविधा
यह ट्रेन सफर के दौरान कई चढ़ाई और ढलान से उतरती है। ऐसे में यात्रियों को सफर के दौरान उल्टी या पेट में कोई परेशानी न हो, इसको देखते हुए ट्रेन में एक विशेष वाइन भी परोसी जाती है।
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