भारत के ऐसे 10 वैज्ञानिक जिन्हें सिर्फ़ भारत ही नहीं पूरी दुनिया करती है सलाम

भारत आदिकाल से ही प्रतिमाओं की धरती और विज्ञान की जन्मदात्री रही है | भारत भूमि पर विज्ञान ने अक्सर ही अपनी चरम प्रतिष्ठा प्राप्त की है| वाराहमिहिर से आर्यभट्ट और उत्तरोत्तर ए पी जे अब्दुल कलाम तक भारत ने ऐसे मोती पिरोये हैं, जिनकी अन्यत्र कोई कल्पना ही नहीं है| वर्तमान भारत की धरती भी वैज्ञानिक प्रतिमाओं की महती उर्वर भूमि है| इन महान वैज्ञानिकों में से कुछ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी इस लेख में दी जा रही है |

Jul 22, 2016, 16:07 IST

भारत आदिकाल से ही प्रतिमाओं की धरती और विज्ञान की जन्मदात्री रही है | भारत भूमि पर विज्ञान ने अक्सर ही अपनी चरम प्रतिष्ठा प्राप्त की है| वाराहमिहिर से आर्यभट्ट और उत्तरोत्तर ए पी जे अब्दुल कलाम तक भारत ने ऐसे मोती पिरोये हैं, जिनकी अन्यत्र कोई कल्पना ही नहीं है| वर्तमान भारत की धरती भी वैज्ञानिक प्रतिमाओं की महती उर्वर भूमि है| इन महान वैज्ञानिकों में से कुछ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी इस लेख में दी जा रही है |

भारत के ऐसे 10 वैज्ञानिक जिन्हें सिर्फ़ भारत ही नहीं पूरी दुनिया करती है सलाम

1. डॉ ए- पी- जे- अब्दुल कलाम :-  15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्में डॉ- अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम को भारत का मिसाइल मैन एवं जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है| भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित कलाम उन लोगों में से थे, जिनके सूची में नाम जुड़ जाने से कोई भी सम्मान अपनी गरिमा प्राप्त कर ले| 1962 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्थान (ISRO) से जुड़े और लगभग चार दशक तक रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन (DRDO) तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान से जुड़े रहे|

• इन्होंने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद से दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरान-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई।

• एक नाविक (जैनुलाबदीन) के बेटे डॉ. कलाम को 1997 में भारत रत्न की उपाधि से नवाजा गया था |

इनकी प्रसिद्द किताबों के नाम हैं: 'विंग्स ऑफ़ फ़ायर' (जीवनी), 'इण्डिया 2020- ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम', भारत की आवाज़, टर्निंग प्वॉइंट्स, हम होंगे कामयाब, टारगेट 3 बिलियन, मिशन इंडिया आदि हैं |

Jagranjosh

Image source: http://www.abdulkalam.com

2. सी- एन- आर- राव : 30 जून 1934 को वर्तमान कर्नाटक के बैंगलोर में जन्में चिंतामणि  नागेश रामचन्द्र राव ने संरचनात्मक रसायनशास्त्र पर मुख्य रूप से काम किया है| ये भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्थान, आई आई टी कानपुर, भारतीय विज्ञान संस्थान, ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय आदि से जुड़े रहे तथा लीजन ऑफ़ ऑनर पद्म पुरस्कार एवं भारत रत्न से भी सम्मानित हुए| 45 वैज्ञानिक पुस्तकों और 1500 शोध पत्रों के लेखक राव को 60 विश्वविद्यालयों ने मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की है|

• वर्ष 2013 में भारत सरकार ने उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया। सी वी रमण और ए पी जे अब्दुल कलाम के बाद इस पुरस्कार से सम्मानित किये जाने वाले वे तीसरे ऐसे वैज्ञानिक हैं।

• इस महान वैज्ञानिक को  फ्रांस सरकार द्वारा 'नाइट ऑफ द लीगन ऑफ ऑनर' सम्मासन (Knight of the Legion of Honour), वर्ष 2008 में अब्दु स सलाम मेडल (Abdus Salam Medal), वर्ष 2013 में चाइनीस एकेडमी ऑफ साइंस और भारत सरकार ने सन 1974 में पदमश्री और सन 1985 में पदमविभूषण से भी सम्मानित किया।

Jagranjosh

Image source: www.bbc.com

3. जी- माधवन नायर :-  वर्तमान भारत की भारतीय वैज्ञानिक प्रतिमाओं में जी माधवन नायर का नाम प्रमुखता से लिया जाता है| 31 अक्टूबर 1943 को केरल के तिरुवनंतपुरम में जन्में नायर भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्थान (ISRO) के प्रमुख रहे हैं| इनके 6 वर्ष के कार्यकाल में भारत ने 25 सफल मिशन पूरे किये हैं, जिनमे चंद्रयान-I भी शामिल है|

• वर्ष 2009 में वे इंटर्नेशनल एकेदमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स के अध्यक्ष रह चुके हैं|

पुरस्कार-उपाधि: पद्म भूषण (1998), पद्म विभूषण (2009), नई दिल्ली में लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स, 2009 से "मैन ऑफ़ द ईयर" (31 मार्च, 2009) आदि।

Jagranjosh

Image source: alchetron.com

4. राकेश के जैन :- ये भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक हैं| श्री जैन को ट्यूमर बायोलॉजी में महारत हासिल है और वे हावर्ड मेडिकल स्कूल के मेसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में कार्यरत हैं| इन्होने 600 से अधिक शोधों में अपना योगदान दिया है|

• श्री जैन को रसोली रक्त वाहिकाओं के बीच सम्बन्ध तथा कीमोथैरेपी एवं विकिरण उपचार के क्षेत्र में कार्य के कारण 2016 में अमेरिका के बराक ओबामा द्वारा ‘नेशनल मैडल ऑफ़ साइंस’ पुरुस्कार से नवाज़ा जा चुका है |

•  यह पुरुस्कार अमेरिका का सर्वोच्च विज्ञान सम्मान है |

Jagranjosh

Image source: theindiandiaspora.com

विश्व के पांच रहस्यमय स्थल

5. डॉ- के- राधाकृष्णन :- 29 अगस्त 1949 को भारत के केरल में जन्में डॉ- राधाकृष्णन वर्तमान में भारत के सर्वप्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं| ये मूलरूप से एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं| डॉ- राधाकृष्णन ने 1970 में केरल विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की थी| इन्होने अपना कार्यकाल 1971 में विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से शुरू किया था| इन्होने इसरो के अध्यक्ष रहते हुए GSLV के लिए स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन और मंगल यान को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया|

• अंतरिक्ष विज्ञान में योगदान के लिए इन्हे पद्म भूषण (2014)पुरस्कार से सम्मानित किया गया है|

• भारत ने इनकी देखरेख में ही चंद्रयान और मंगलयान अन्तरिक्ष में भेजे थे |

Jagranjosh

Image source: www.linkedin.com

6. ए- एस- किरण कुमार :-  श्री ए- एस- किरण कुमार वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्थान (ISRO) के अध्यक्ष हैं| इन्होने अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान, भूमि, महासागर, वातावरण और ग्रहों से जुड़े शोध में अपना विशेष योगदान दिया है| इन्होने ही मंगल ग्रह की ओर भेजे गए मार्श ऑर्बिटर को मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित करने की रणनीति तैयार की है |

• मंगलयान और चंद्रयान के प्रमुख वैज्ञानिक उपकरणों की खोज के लिए प्रसिद्द श्री कुमार को पद्म श्री पुरस्कार (2014) से सम्मानित किया गया है|

Jagranjosh

Image source: www.youtube.com

7. डॉ के कस्तूरी रंगन:-  24 अक्टूबर 1940 को केरल के एर्नाकुलम में जन्में डॉ कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन ने मूलरूप से खगोलविज्ञान के क्षेत्र में अपना विशिष्ट योगदान दिया| ये PSLV एवं GSLV से सीधे तौर पर सम्बंधित रहे हैं| इनके नेतृत्व में ही चंद्रयान-I, इनसेट-2 , भारतीय दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस 1A तथा 1B की सफलता इनके साथ जुडी है|

• विज्ञान में इनके योगदान के लिए इन्हे पद्म विभूषण, पद्म भूषण तथा पद्म श्री पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है|

• उन्होंने कॉस्मिक एक्सरे व गामा-रे स्रोतों तथा निम्नतर वायुमंडल में कॉस्मिक एक्स-रे के प्रभाव संबंधी अध्ययन में व्यापक व महत्त्वपूर्ण योगदान किया है।

Jagranjosh

Image source: hibengaluru.com

8. उडुपी रामचन्द्र राव :- 10 मार्च 1932 को कर्नाटक में जन्में श्री राव का अंतरिक्ष विज्ञान में विशेष योगदान रहा है| ये लम्बे समय तक भारतीय विज्ञान की सेवा करते रहे और इसी कारण भारत सरकार द्वारा इन्हे पद्म पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया| ये मद्रास विश्वविद्यालय से सम्बंधित रहे हैं|

• पुरुस्कार: पद्मभूषण (1976), ग्रुप अचीवमेंट पुरस्कार, नासा (1973), थियोडोर वॉन कार्मन पुरस्कार (2005), विश्वमानव पुरस्कार (2007) आदि।

• उन्होंने 1975 में प्रथम भारतीय उपग्रह 'आर्यभट्ट' सहित 18 से अधिक उपग्रह अभिकल्पित और प्रमोचित किए गए।

Jagranjosh

Image source: www.examveda.com

9. सतीश धवन:- 25 सितम्बर 1920 को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर जिले में जन्में श्री सतीश धवन भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रणेताओं में से एक थे| ये भारतीय विज्ञान संस्थान से 20  वर्षों तक जुड़े रहे| विज्ञान के प्रति इनके योगदान के लिए इन्हे पद्म पुरस्कार (1971) से सम्मानित भी किया गया है|

• इनकी सर्वप्रमुख वैज्ञानिक खोज ध्वनि से तेज रफ़्तार (सुपरसोनिक) विंड टनल का विकास रहा है|

• इन्ही के नाम पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का प्रक्षेपण केंद्र है। यह आंध्र प्रदेश के श्रीहरीकोटा में स्थित है |

Jagranjosh

Image source: www.isro.gov.in

10. वेंकटरमन रामाकृष्णन:- वेंकटरमन रामाकृष्णन का जन्म 1952 में  तमिलनाडु के कड्डालोर जिले में स्थित चिदंबरम में हुआ था| इन्हें 2009 के रसायन विज्ञानं के नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था |

इन्हें यह पुरस्कार कोशिका के अंदर प्रोटीन का निर्माण करने वाले राइबोजोम की संरचना के गहन अध्ययन के लिए अन्य दो वैज्ञानिकों के साथ दिया गया था। अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों को इनके किये हुए कार्यों की सहायता से कारगर प्रतिजैविकों का विकास करने में सहायता मिल सकेगी। श्री रामकृष्णन् वर्तमान में ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एमआरसी लेबोरेट्रीज़ ऑफ़ मॉलिक्यूलर बायोलोजी के स्ट्रकचरल स्टडीज़ विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं|

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

    Trending

    Latest Education News