भारत में शहरों का कार्यात्मक वर्गीकरण

Jun 30, 2016, 16:01 IST

कार्यों के आधार पर भारतीय शहरों और कस्बों को मोटे तौर पर इन आधारों पर बांटा जा सकता है - प्रशासनिक कस्बे और शहर, औद्योगिक कस्बे, परिवहन शहर, वाणिज्यिक कस्बा, खनन शहर, गैरीसन कस्बा छावनी, शैक्षिक शहर, धार्मिक और सांस्कृतिक शहर|

किसी भी क्षेत्र की संरचना और उसके कार्य कई बातों में भिन्न होते है जैसे की वहा के कार्य, विकास का इतिहास और साथ ही साथ शहर की उम्र आदि.  कुछ कस्बे  और शहर  कुछ कार्यों में विशेषज्ञ होते है और वे कुछ विशेष गतिविधियों, उत्पादों या सेवाओं के लिए जाने  जाते  है। हालांकि, प्रत्येक शहर कई तरह के कार्यों को करता है।  कार्यों के आधार पर भारतीय शहरों और कस्बों को  मोटे तौर पर इन आधारों पर बांटा जा सकता है - प्रशासनिक कस्बे  और शहर, औद्योगिक कस्बे , परिवहन शहर, वाणिज्यिक कस्बा , खनन शहर , गैरीसन कस्बा छावनी , शैक्षिक शहर, धार्मिक और सांस्कृतिक शहर, और पर्यटक शहर जिनकी चर्चा निचे की गई है :

  • प्रशासनिक कस्बे  और शहर  : वो शहर जो  प्रशासनिक मुख्यालय के उच्चतम कार्यालय को  समर्थन देते  है. इस तरह केशहरों में चंडीगढ़, नई दिल्ली, भोपाल, शिलांग, गुवाहाटी, इम्फाल, श्रीनगर, गांधीनगर, जयपुर, चेन्नई, आदि कस्बे  हैं।
  • औद्योगिक कस्बे : इन  शहरों में जैसे मुंबई , सेलम, कोयम्बटूर, मोदीनगर, जमशेदपुर, हुगली, भिलाई, आदि में उद्योग ही मुख्य  मकसद होता है.
  • परिवहन शहर : ये  मुख्य रूप से निर्यात और आयात जैसी गतिविधियों में लिप्त बंदरगाहों के रूप में होते है इस तरह के शहर है- कांडला, कोच्चि , कोझीकोड , विशाखापट्टनम आदि या ऐसे जो अंतर्देशीय परिवहन के केन्द्र के रूप में जैसे आगरा, धूलिया, मुगल सराय, इटारसी, कटनी आदि।
  • वाणिज्यिक कस्बे : वो कस्बे और शहर जो व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करते है। इन  शहरों के इस वर्ग में रखा गया है -कोलकाता , सहारनपुर, सतना, आदि कुछ उदाहरण है।
  • खनन कस्बे : इन शहरों में खनिज को समृद्ध क्षेत्रों में विकसित किया है. इस तरह के शहर है - रानीगंज, झरिया , डिगबोई , अंकलेश्वर , सिंगरौली, आदि।
  • गैरीसन छावनी कस्बे : ये शहर गैरिसन शहरों के रूप में उभरे है - अंबाला , जालंधर, महू , बबीना , उधमपुर , आदि।
  • शैक्षिक शहर: शिक्षा के केंद्रों के रूप में कुछ कस्बे प्रमुख परिसर  शहर बन गए है कुछ ऐसे शहर है - रूडकी, वाराणसी, अलीगढ़, पिलानी , इलाहाबाद आदि।
  • धार्मिक और सांस्कृतिक शहर: वाराणसी, मथुरा , अमृतसर, मदुरै, पुरी, अजमेर, पुष्कर, तिरुपति, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार, उज्जैनआदि शहर  उनके धार्मिक / सांस्कृतिक महत्व के कारण प्रमुखता में आ गए है.
  • पर्यटक शहर: नैनीताल, मसूरी, शिमला, पचमढ़ी , जोधपुर, जैसलमेर, उदगमंडलम (ऊटी ), माउंट आबू पर्यटन स्थलों में से कुछ है।

निष्कर्ष

कई शहर उनके कार्यो  में स्थिर नहीं  है। उनके कार्य गतिशील प्रकृति के कारण बदल जाते है। यहाँ तक कि विशेष शहर जब  महानगरों के रूप में विकसित हो जाते है तो वो शहर भी बहु कार्यात्मक हो जाते है और वह पर उद्योग, व्यापार, प्रशासन , परिवहन, आदि महत्वपूर्ण होने लगता है । सभी कार्य इतने ज्यादा एक दूसरे में समा जाते है की एक विशेष कार्यात्मक वर्ग के आधार पर शहरों को  वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है।

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