Difference: बिल्ली प्रजाति के लेपर्ड यानि तेंदुआ और जगुआर दोनों ही खतरनाक वन्यजीवों में शामिल है। यह दोनों ही वन्यजीव या तो किसी अभयारण्य या फिर चिड़ियाघर में ही देखने को मिलते हैं। लेकिन, क्या आप इन दोनों के बीच अंतर को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं। यदि हां, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको इन दोनों के बीच अंतर को बताएंगे, जिससे भविष्य में आपको इन दोनों के बीच अंतर को लेकर दुविधा नहीं होगी। जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
जगुआर
जगुआर बड़ी बिल्ली प्रजातियों का सदस्य है। यह अमेरिका में तीसरी सबसे बड़ी बिल्ली की प्रजाति है, जिसका वजन 158 किलोग्राम तक होता है। साथ ही यह 1.85 मीटर तक बढ़ती है। जगुआर के शरीर पर फर कोट होते हैं, जो हल्के पीले रंग से लेकर भूरे रंग के होते हैं। इनका शरीर फूल की तरह दिखने वाले गोल धब्बों से ढका होता है। हालांकि, यह धब्बे तेंदुए और चीते से अलग होते हैं। कुछ जगहों पर काला जगुआर भी पाया जाता है।
जगुआर अपने शक्तिशाली प्रहार के लिए जाना जाता है। इसके दांत इतने नुकीले होते हैं और यह इतनी शक्ति से किसी भी चीज को कांटता है कि यह कुछओं के ऊपर मौजूद सतह और मगरमच्छ की खाल में भी छेद कर सकता है। यह अपने शिकार को हमला करते हुए तेजी से खोपड़ी से दबोच लेता है और कुछ ही पल में शिकार की मौत हो जाती है।
जगुआर से जुड़े तथ्य
1.'जगुआर' शब्द स्वदेशी शब्द 'यगुआर' से आया है, जिसका अर्थ है 'छलांग लगाकर मारने वाला'।
2.तेंदुए की तुलना में जगुआर बड़ा सिर वाला होता है। इस पर बने धब्बों के बीच में एक काला बिंदु होता है।
3.जगुआर को पानी पसंद होता है और यह पानी में तैर लेता है। साथ ही ये गीली जगहों पर रहना पसंद करते हैं।
4.जगुआर की आवाज कई बार आरी की तरह होती है। इसकी आवाज लकड़ी को काटने जैसे लगती है।
5.जगुआर दिन के साथ-साथ रात में भी शिकार करते हैं।
6.इसके दांत इतने नुकीले और ताकत के साथ काम करते हैं कि ये मगरमच्छों की मोटी खाल और कछुओं के सख्त खोल को काटने के लिए मजबूत होते हैं।
तेंदुआ
तेंदुए की प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है। यह पैंथेरा परिवार की पांच मौजूदा प्रजातियों में से एक है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय प्राकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट में शामिल है। इसकी पहचान की बात करें तो यह इसके शरीर पर हल्के पीले से गहरे सुनहरे रंग में नरम और मोटे फर होते हैं। साथ ही शरीर पर फूल के आकार की तरह धब्बे भी देखने को मिल जाएंगे। यह जीव भी मांसाहारी होते हैं और 40 किलोग्राम तक के किसी वन्यजीव को अपना शिकार बनाते हैं।
तेंदुए के बारे में तथ्य
1. तेंदुओं पर मौजूद धब्बों को "रोसेट्स" कहा जाता है। क्योंकि, यह धब्बे फूल के आकार की तरह होते हैं। कुछ तेंदुए काले भी होते हैं, लेकिन गहरा रंग होने की वजह से यह धब्बे आसानी से नजर नहीं आते।
2 .तेंदुए अपने-अपने क्षेत्र में सीमित रहते हैं। यह अन्य तेंदुओं को चेतावनी देने के लिए अपने क्षेत्र में कुछ न कुछ निशानी बनाते हैं। इसमें मल-मूत्र की गंध व पेड़ों पर बनाई जाने वाली खरोच भी शामिल होती है।
3. तेंदुए अलग-अलग शिकार करते हैं, जिसमें कीड़े, हिरण, मछली, बंदर व अन्य वन्यजीव शामिल होते हैं। यह कभी-कभी मगरमच्छों को भी शिकार बना लेते हैं।
4. तेंदुए आसानी से पर्वत पर चढ़ सकते हैं। साथ ही पेड़ों पर भी चढ़कर आराम करते हैं। कई बार यह अपने शिकार को मारकर पेड़ पर ले जाकर खाते हैं।
5. मादा तेंदुआ साल में कभी भी प्रजनन कर सकती है। साथ ही हर बार दो या तीन शावकों को जन्म देती है।
6. तेंदुए की आवाज की बात करें तो इनकी आवाजें अलग होती हैं। ये कई बार गुर्राने की आवाज निकालते हैं तो कई बार खुश होने पर कर्कश आवाज निकालते हैं।
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