12th World Hindi Conference: इस बार इसका आयोजन देनाराऊ आइलैंड कन्वेंशन सेंटर, नांदी, फिजी में 15-17 फरवरी के बीच किया जा रहा है, जिसमें विश्व भर के हिन्दी प्रेमी एक साथ जुड़ने के लिए उत्सुक हैं. फिजी के राष्ट्रपति विलियम काटोनिवेरे और भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने फिजी के नादी में विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया.
12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के लिए विदेश मंत्रालय नोडल मंत्रालय के तौर पर कार्य कर रहा है. इसका आयोजन फिजी सरकार के सहयोग से किया जा रहा है. डॉ. जयशंकर की यह फिजी की पहली यात्रा है. डॉ. एस जयशंकर 18 फरवरी को सिडनी, ऑस्ट्रेलिया भी जाएंगे.
12वें #विश्वहिंदीसम्मेलन के उद्घाटन के सुअवसर पर राष्ट्रपति रातू विलियामे काटोनिवेरी की उपस्थिति में पारंपरिक स्वागत, सेवुसेवु प्राप्त कर गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूँ।
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 15, 2023
भारत और फ़िजी के लिए स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि की कामना के साथ, प्रथम कावा ग्रहण किया। pic.twitter.com/GJTx1dOBA2
सम्मेलन का मुख्य थीम:
12वें 'विश्व हिंदी सम्मेलन' को व्यवस्थित एवं निर्बाध रूप से सफल बनाने के लिए विदेश मंत्रालय ने विभिन्न समितियों का गठन किया है. इस बार के सम्मेलन का मुख्य विषय “हिन्दी-पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम मेधा तक” (Hindi - Traditional Knowledge of Artificial Intelligence) है. इसके तहत मुख्य विषय पर केन्द्रित कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा.
इस सम्मेलन में 11 सत्रों का आयोजन किया जायेगा,इस कार्यक्रम के दौरान दल टिकट का लोकार्पण, पुस्तक लोकार्पण और विश्व हिंदी सम्मान समारोह सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.
हिंदी भाषा का महत्व:
हमारें देश में सैकड़ों भाषाएँ बोली जाती है, इन भाषाओं में हिंदी का अद्वितीय स्थान है. हिंदी सदियों से देश को एक सूत्र में पिरोने का महत्वपूर्ण काम किया है. साथ ही देश की आजादी में सबसे मुखर और सम्पर्क सूत्र के रूप में कार्य किया है.
हिंदी अब केवल भारत ही नहीं पूरी दुनिया में बोली जाने वाली भाषा बन गयी है. आज दुनिया में हिंदी बोलने वालों की संख्या तकरीबन 80 करोड़ से भी अधिक है.
हिंदी के विकास में महत्वपूर्ण दिन:
वर्ष 1918 में महात्मा गांधी ने सबसे पहले हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने की बात कही थी उन्होंने इसे जनमानस की भाषा बताया था. 4 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने का निर्णय लिया गया.
वर्ष 1953 से पूरे देश में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. 10 जनवरी 2006 में पहली बार विदेश मंत्रालय ने विदेश में ‘विश्व हिंदी दिवस’ मनाना शुरू किया.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 1977 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित किया था.
10 जनवरी 2022 को यूनेस्को अपने वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर वेबसाइट पर,भारत के विश्व धरोहर स्थलों के विवरण को हिंदी में प्रकाशित करने का निर्णय लिया था.
पहला विश्व हिंदी सम्मेलन:
पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन नागपुर में 10-12 जनवरी, 1975 में किया गया था. दूसरे विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन पोर्ट लुई, मॉरीशस में 28-30 अगस्त, 1976 को किया गया था. ग्यारहवां विश्व हिंदी सम्मेलन पोर्ट लुई, मॉरीशस में 18-20 अगस्त, 2018 को आयोजित किया गया था.
फिजी के बारें में:
फिजी, दक्षिण प्रशांत सागर में स्थित 300 से अधिक द्वीपों का एक देश है. इसके प्रमुख द्वीपों, विती लेवू और वनुआ लेवू में देश की अधिकांश आबादी निवास करती है. फिजी की राजधानी सुवा है. इस देश की मुद्रा फिजियन डॉलर है. इस देश की अधिकारिक भाषओं में हिंदी भी शामिल है.
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