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Amrit Udyan: मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' किया गया, जानें आम लोग कब जा सकते है

राष्ट्रपति भवन में बने मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' (Amrit Udyan) कर दिया गया है. वैसे नाम बदलने की परम्परा वर्षो से चली आ रही है. गौरतलब है कि सितंबर 2022 में केंद्र सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' कर दिया था.

मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' किया गया, जानें आम लोग कब जा सकते है
मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' किया गया, जानें आम लोग कब जा सकते है

Amrit Udyan: दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में बने सुंदर मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' (Amrit Udyan) कर दिया गया है. राष्ट्रपति भवन की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी नविका गुप्ता के अनुसार, देश में आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है. 

आजादी के अमृत महोत्सव को देखते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गार्डन को एक सामान्य नाम 'अमृत उद्यान' दे दिया है. वैसे नाम बदलने की परम्परा वर्षो से चली आ रही है. गौरतलब है कि सितंबर 2022 में केंद्र सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' कर दिया था.

राष्ट्रपति भवन, वायसराय लॉर्ड इरविन और बाद में लॉर्ड माउंटबेटन (अंतिम ब्रिटिश वायसराय) और 1947 में स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर-जनरल का निवास स्थान था.

'अमृत उद्यान' का मुख्य आकर्षण:

राष्ट्रपति भवन में बने इस 'अमृत उद्यान' (पूर्व में मुग़ल गार्डन) को 1928-29 में बनाया गया था. यह लगभग 15 एकड़ में फैला हुआ है. 

यहाँ गुलाब की 159 वेरायटी मौजूद है जिसमें लेडी एक्स, ब्लू मून, पैराडाइज़, एडोरा, मृणालिनी, ताज महल, एफिल टॉवर, ब्लैक लेडी और मॉडर्न आर्ट जैसी वेरायटी शामिल है.

इस गार्डन में दुनिया के तमाम मशहूर फूलों की ख़ूबसूरती और हरियाली देखने को मिलती है. जो आने वाले आगंतुको को आकर्षित करता है.    
इस उद्यान में ब्राज़ील के ऑर्किड, जापान के सुंदर चेरी ब्लॉसम, नीदरलैंड के ट्यूलिप के फुल, चीन के कमल के फूल सहित दूसरे मौसमी फूल देखने को मिलते है.      

इस उद्यान के मुख्य आकर्षण में फूलों की झाड़ियां, यहाँ बने चबूतरों, लॉन आदि से बख़ूबी मेल खाते है जो इसकी ख़ूबसूरती में चार चाँद लगाते है.      

मशहूर शख़्सियतों के नाम पर फूलों के नाम:

इस गार्डन में मशहूर शख़्सियतों राजा राममोहन राय, जॉन एफ, कैनेडी, महारानी एलिज़ाबेथ, मदर टेरेसा और क्रिश्चियन डायोर जैसे लोगों के नाम पर गुलाब के फूलों का नामकरण किया गया है. यहाँ तक की भारत के महान महाकाव्य 'महाभारत' के किरदार अर्जुन और भीम आदि के नाम के भी फूल मिलते है.    

क्या है 'अमृत उद्यान' का इतिहास:

मुग़ल गार्डन के नाम को बदलने की मांग हिंदू महासभा द्वारा वर्ष 2019 में की गयी थी. उन्होंने इसका नाम बदलकर राजेंद्र प्रसाद उद्यान करने की मांग की थी.

इस गार्डन को बनाने के प्रेरणा जम्मू-कश्मीर के मुग़ल गार्डन, ताजमहल के आस-पास के गार्डन और भारत और फ़ारस की पेंटिंग्स से ली गयी थी.

आम धारणा यह है कि इस गार्डन को बनाने का आइडिया राष्ट्रपति भवन के मुख्य आर्किटेक्ट सर एडविन लुटिएंस का था. लेकिन सच यह है कि यह विचार तत्कालीन उद्यान विभाग के निदेशक विलियम मुस्टो का था जो एडविन लुटिएंस के नेतृत्व में काम करते थे.

तीन सर्किटों में विभाजित है राष्ट्रपति भवन:

राष्ट्रपति भवन को विजिटर्स को ध्यान में रखते हुए तीन सर्किटों में बांटा गया है. सर्किट 1 में राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन और सेंट्रल लॉन शामिल हैं, जिसमें अशोक हॉल, दरबार हॉल, बैंक्वेट हॉल, इसके ड्राइंग रूम आदि शामिल है. सर्किट 2 में राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर का दौरा शामिल है.

सर्किट 3 में राष्ट्रपति भवन के प्रसिद्ध उद्यानों अमृत गार्डन, हर्बल गार्डन, म्यूजिकल गार्डन और स्प्रिचुअल गार्डन को शामिल किया गया है. 

आम लोग कब विजिट कर सकते है?

सर्किट 1: राष्ट्रपति भवन की यात्रा सप्ताह में बुधवार से रविवार तक केवल पांच दिनों के लिए खुली रहती है. (गजटेड हॉलिडे को छोड़कर)
सर्किट 2:आम लोग सोमवार को छोड़कर सभी दिन सर्किट 2 का भ्रमण कर सकते है.   
सर्किट 3: सर्किट 3 केवल 'उद्यान उत्सव' के दौरान खुलता है. इस बार आमजन  31 जनवरी से 26 मार्च 2023 तक यहाँ विजिट कर सकते है.

हालांकि अमृत उद्यान 28 मार्च से 31 मार्च तक केवल विशेष श्रेणियों के लिए खुलेगा. 28 मार्च को किसानों के लिए, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 29 मार्च को, 30 मार्च को रक्षा बलों, अर्धसैनिक बलों और पुलिस के कर्मियों के लिए खुलेगा और आखिरी दिन यानी 31 मार्च को आदिवासी महिला एसएचजी सहित महिलाओं के लिए खुलेगा.  

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